ब्रांडेड के नाम पर नकली चायपत्ती का खेल, तीन जिलों में धोखाधड़ी का मामला दर्ज, फिर भी तीन माह बाद हेमंत उर्फ हरीश गोयल की गिरफ्तारी नहीं, एफआईआर तक सिमटा मामला… आखिर क्यों…
रायपुर। राजधानी रायपुर में ब्रांडेड के नाम पर नकली सामानों को खपाने का खेल चल रहा है। ब्रांडेड कंपनियों की हुबहू नकल वाले सामान की बिक्री के लिए राजधानी बड़ा बाजार बनता जा रहा है। कार्रवाई नहीं होने से ब्रांडेड कंपनियों को नुकसान का मार झेलना पड़ता है।
बता दें कि बाजार में चुस्की के नाम से नकली चायपत्ती बेची जा रही है। कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने दुर्ग के कारोबारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। यह उस कारोबारी के खिलाफ तीसरी एफआईआर है। इससे पहले कवर्धा और दुर्ग में एफआईआर हो चुकी है। अपराध दर्ज हुए लगभग तीन माह हो गए हैं..इसके बाद भी पुलिस के द्वारा आरोपी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पुलिस के मुताबिक जैन ट्रेडर्स के संचालक यशवंत जैन ट्रेडमार्क जैन चुस्की के नाम चायपत्ती का कारोबार करते हैं। उनके ट्रेडमार्क जैन चुस्की में से चुस्की शब्द का इस्तेमाल करके दुर्ग के हेमंत उर्फ हरीश गोयल मार्केट में चुस्की चायपत्ती खपा रहे हैं। लोग इसे जैन चुस्की मानकर खरीद रहे हैं।
दरअसल जैन चुस्की ब्रांड के नाम पर नकली चायपत्ती को चुस्की नाम से बेचा जा रहा है। इसकी शिकायत पर टिकरापारा पुलिस ने हेमंत उर्फ हरीश के खिलाफ धोखाधड़ी, कॉपीराइट व अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। उल्लेखनीय है कि हरीश के खिलाफ दुर्ग और कवर्धा में भी इसी तरह के कृत्य के चलते धोखाधड़ी और कॉपीराइट एक्ट के तहत अपराध दर्ज हुआ है। इसमें उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
एफआईआर तक सिमटा मामला
ब्रांडेड के नाम पर नकली सामान बेचने के मामले में पुलिस कॉपीराइट और धोखाधड़ी के तहत अपराध दर्ज करती है। इसके बाद मामला आगे नहीं बढ़ता। नकली सामान की सप्लाई रायपुर में किसने की? उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। प्रशासन के दूसरे विभाग भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। नतीजा यह कारोबार बेखौफ बढ़ रहा है।
ब्रांडेड की कीमत पर नकली सामान
कारोबारी बड़ी-बड़ी कंपनियों के स्टीकर, नाम, ट्रेडमार्क आदि लगाकर ग्राहकों से अधिक कीमत वसूलते हैं। उनकी कीमत ब्रांडेड का लेते हैं, लेकिन सामान नकली बेचते हैं। लोग ब्रांडेड सामान समझकर मुंहमांगी कीमत चुकाते हैं। वहीं इस पूरे मामले को लेकर टिकरापारा टीआई दुर्गेश रावटे ने कहा कि जांच की जा रही है. जाँच के बाद जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।