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इस साल देश में पड़ेगी प्रचंड गर्मी, केरल में अभी 54 डिग्री तापमान!

एर्नाकुलम. मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस साल प्रचंड गर्मी पड़ने वाली है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी अभी से बढ़ने लगी है। इसके अलावा दक्षिण भारत में भी गर्मी तेजी से बढ़ी है। सबसे बुरा हाल तो केरल का है। केरल के कई इलाकों में हीट इंडेक्स 54 डिग्री सेल्सियस जैसा महसूस किया गया है।

यह बड़ी चिंता की बात है और इसके चलते स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। हीट स्ट्रोक के चलते लोगों की जान जाने का भी खतरा है। केरल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की ओर से गुरुवार को कहा गया कि राज्य के कई इलाकों में उमस और गर्मी 54 डिग्री तापमान जैसी महसूस की गई है।

हीट इंडेक्स वह संकेतक होता है, जिसके जरिए तापमान कितना महसूस हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जाता है। कई बार तापमान कम होता है, लेकिन उमस और गर्मी ज्यादा महसूस होती है, जिसे हीट इंडेक्स में दर्शाया जाता है। पब्लिक हेल्थ वॉर्निंग के लिए ज्यादातर देश हीट इंडेक्स का इस्तेमाल करते हैं। इसके मुताबिक केरल के तिरुअनंतपुरम, अलप्पुझा, कोट्टयम और कन्नूर जिलों में 54 डिग्री तापमान जैसी गर्मी महसूस हुई है। इसके चलते लोगों को बीमारी भी हो रही है।

मौसम विज्ञानियों ने चेताया है कि यदि लंबे समय तक इस तरह की गर्मी पड़ती है तो लोगों को हीट स्ट्रोक भी आ सकता है।

आमतौर पर केरल के कासरगोड, कोझिकोड, मलप्पुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा और एर्नाकुलम में हीट इंडेक्स 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। लेकिन अब मौसम इतनी तेजी से बदलना घातक हो सकता है। यहां तक कि ज्यादा देर तक धूप में रहने से बीमार भी पड़ सकते हैं। हालांकि केरल के ही इडुक्की और वायनाड जिलों का अच्छा मौसम है।

यहां हीट इंडेक्स 29 डिग्री सेल्सियस ही दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि बीते महीने ही केरल में जमकर बारिश हुई थी। इसके बाद अब अचानक तेज गर्मी होने से संकट गहरा गया है।

गोवा में स्कूलों को लेकर भी जारी हुई एडवाइजरी

इस बीच गोवा में शिक्षा विभाग ने गर्मी के चलते स्कूलों को दोपहर से पहले बंद रखने का आदेश दिया है। प्रदेश सरकार ने लू चलने की चेतावनी जारी की है। विभाग का कहना है कि सभी प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को 9 मार्च और 10 मार्च को 12 बजे से पहले की दोपहर कक्षाओं को बंद रखा जाए।

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

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