पोस्टमॉर्टम करने वाली डॉक्टर बोलीं- जो देखा, नहीं भूल सकते
गैंगरेप पीड़िता की आंत-बच्चेदानी बाहर थी; दूसरी साड़ी लपेटी, वो भी खून से लथपथ थी

24 मई को खालवा थाना क्षेत्र के एक गांव में 45 साल की महिला अपने पड़ोस के घर में बेहोशी की हालत में मिली थी। उसे तेज ब्लीडिंग हो रही थी और प्राइवेट पार्ट से बच्चेदानी बाहर निकली थी। उसने बेटे-बहू के सामने दम तोड़ दिया था। इससे पहले उसने परिजन को बताया था कि पड़ोस में रहने वाले दो युवकों ने उसके साथ गलत काम किया है।
रविवार को चार डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। दैनिक भास्कर ने पैनल में शामिल दो डॉक्टरों से बात कर उस महिला के साथ हुई बर्बरता को जाना।
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने जो देखा,
आंत प्राइवेट पार्ट से बाहर आ गई थी हमारे पास महिला का शव रविवार को दोपहर में आया था। पेपरवर्क पूरा किया। फिर 12 बजे के बाद हमने पोस्टमॉर्टम करने के लिए बॉडी को देखा। महिला के मुंह से फ्लूड (एक प्रकार का तरल पदार्थ) निकल रहा था, आंत बाहर आ चुकी थी।
हमने उसका स्कल (खोपड़ी) खोला। देखा कि उसके सिर पर भी एक चोट का निशान था, जिसे हम हेमाटोमा कहते हैं यानी शरीर के किसी हिस्से में अंदरूनी चोट लगने से खून का जम जाना।
ऐसी ही एक चोट उसके कंधे पर भी थी। उस महिला की अंतड़ियों के आसपास पेरिटोनियम में ब्लड भरा हुआ था। पेरिटोनियम पेट के अंदर अंगों को ढंकने वाली और उन्हें सुरक्षित रखने वाली एक पतली परत होती है।
महिला के साथ इस कदर दरिंदगी की गई थी कि उसकी आंत प्राइवेट पार्ट से बाहर आ गई थी।
वैसे तो हमारे लिए हर बॉडी एक समान ही होती है, हम सबको एक ही नजरिए से देखते हैं, फिर भी ये बोलूंगी कि उस महिला के साथ बहुत ही बर्बरता की गई थी। इतना अधिक खून प्राइवेट पार्ट से बह रहा था कि हम समझ नहीं पा रहे थे कि महिला के अंदर कोई ऑब्जेक्ट डाला गया था या नाखूनों से इतनी बर्बरता की गई थी। उसकी हालत देखकर तो हम भी सहम गए।