महादेव-सट्टा-ऐप का KK कनेक्शन…नेताओं का पैसा भेजा दिल्ली: ED ने 50 करोड़ की मनी-लॉन्ड्रिंग का दर्ज किया केस; कई नेता करा चुके हैं तांत्रिक-पूजा
15 करोड़ रुपए की ठगी के आरोपी केके श्रीवास्तव का नाम महादेव सट्टा ऐप से जुड़ गया है। केके के खिलाफ ईडी ने 50 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का केस दर्ज किया है। आरोप है कि नेताओं के करोड़ों रुपए दिल्ली भेजे हैं। केके को ज्योतिषी के नाम से भी जाना जाता है। कई बड़े नेताओं ने उनसे तांत्रिक पूजा भी करवाई है।
केके श्रीवास्तव के खिलाफ कुछ दिन पहले धोखाधड़ी की शिकायत भी दर्ज हुई थी। उन पर स्मार्ट सिटी में 500 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट दिलाने का झांसा देकर एक बिल्डर से पैसे ऐंठने का आरोप है। अब ED को महादेव सट्टा ऐप से जुड़े लोगों के साथ पैसों के लेन-देन की जानकारी मिली है। फिलहाल ईडी इसकी जांच कर रही है।
आरोपी केके श्रीवास्तव।
जो फंड ट्रांसफर किए, वो सट्टा ऐप से जुड़ा
केके श्रीवास्तव को रावत एसोशिएट से जो फंड मिले वो एरोजेट इंटरप्राइजेज को भेजे गए थे, जो कोलकाता स्थित मजेस्टिक कॉमर्शियल से जुड़ा हुआ है। महादेव बैटिंग ऐप से भी संबंधित है। फोरेंसिक ऑडिट में केके श्रीवास्तव के मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क में जुड़े होने की बात सामने आई है।
सूत्रों के मुताबिक, ED महादेव सट्टा ऐप मामले में जेल में बंद आरोपियों से भी केके श्रीवास्तव को लेकर पूछताछ कर सकती है।
हवाला के माध्यम से दिल्ली भेजा पैसा
श्रीवास्तव पर आरोप है कि, वह नेताओं के पैसों को मैनेज करता था। उसने हवाला के माध्यम से दिल्ली भी पैसा भेजवाया है। उसने नेताओं की काली कमाई को वाइट किया है। ईडी को प्रारंभिक जांच में इसके प्रमाण मिले हैं।
पिछली सरकार में श्रीवास्तव ज्योतिष के नाम से था चर्चित
पिछली सरकार के समय केके श्रीवास्तव ज्योतिष के नाम से चर्चित था। कई नेता उससे पूजा-पाठ करवा चुके हैं। साथ ही वो कई नेताओं के लिए ब्लैक मनी खपाने के लिए खातों की व्यवस्था करता था। तेलीबांधा पुलिस को खातों की जांच के दौरान 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला है।
उसके पास 400 करोड़ से ज्यादा की कैश होने की भी सूचना है। इसे उसने कहीं छिपा दिया है।
500 करोड़ का प्रोजेक्ट दिलाने के नाम पर लिए पैसे
अफसरों और नेताओं से करीबी का फायदा उठाकर ही उसने यूपी के रावत एसोशिएट के मालिक अर्जुन रावत को झांसे में लिया। अर्जुन रावत को नवा रायपुर में 500 करोड़ का प्रोजेक्ट दिलाने के नाम पर उससे पैसे लिए।
श्रीवास्तव ने पैसे लेने के बाद भी ना कारोबारी को प्रोजेक्ट दिलाया ना ही पैसे लौटाए। तेलाबांधा में हुई FIR के आधार पर ED ने ECIR दर्ज कर जांच शुरू की है।