छत्तीसगढ़

बेंगलुरु: ₹145 के वेज सैंडविच में मिला झींगा, स्विगी-रेस्टोरेंट पर ₹1 लाख का मुआवजा

बेंगलुरु

बेंगलुरु की 37 वर्षीय निशा (पूरी तरह शाकाहारी ) ने 10 जुलाई 2024 को स्विगी से एक शाकाहारी सैंडविच ऑर्डर किया. लेकिन एक निवाला लेते ही उन्हें अजीब स्वाद आया और अंदर से झींगे के टुकड़े मिले. यह देखकर वे घबरा गईं और उन्हें आध्यात्मिक और भावनात्मक झटका लगा. अगले दिन वे रेस्टोरेंट पहुंचीं. मैनेजर ने गलती मानते हुए इसे भीड़ के समय की गड़बड़ी बताया और बदले में खाना देने की पेशकश की, जिसे निशा ने ठुकरा दिया.

निशा ने भेजा कानूनी नोटिस
20 जुलाई को उन्होंने स्विगी और रेस्टोरेंट दोनों को कानूनी नोटिस भेजा, पर कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद 22 अगस्त 2024 को उन्होंने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज की और 2 लाख रुपये का मुआवजा मांगा. स्विगी ने कहा कि वह सिर्फ ऑर्डर कराने का माध्यम है और असली जिम्मेदारी रेस्टोरेंट की है. वहीं, रेस्टोरेंट ने गलती स्वीकार की, लेकिन यह भी कहा कि उनका रेस्टोरेंट दोनों तरह का खाना परोसता है, इसलिए आमतौर पर शाकाहारी लोग वहां से खाना नहीं लेते. आयोग ने अपने फैसले में कहा कि शाकाहारी व्यक्ति को मांसाहारी भोजन देना गंभीर लापरवाही है और इससे व्यक्ति को मानसिक, धार्मिक और भावनात्मक नुकसान हो सकता है.

फैसला क्या आया?
उपभोक्ता आयोग ने स्विगी और रेस्टोरेंट दोनों को कुल 1,00,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. 50,000 रुपये लापरवाही के लिए और 50,000 रुपये मानसिक पीड़ा के लिए और 5,000 रुपये मुकदमेबाजी खर्च के लिए.  इसके बाद 146 रुपये की सैंडविच की कीमत 12% वार्षिक ब्याज के साथ वापस किया गया और कहा गया कि दोनों पक्षों को साझा रूप से यह राशि चुकानी होगी. यह मामला बताता है कि खाने-पीने की सेवाओं में जरा-सी लापरवाही भी उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन बन सकती है.

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

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