छत्तीसगढ़

तहसीलदार नीलमणि के बयान से हमारा सरोकार नहीं: प्रेसनोट जारी कर झाड़ा पल्ला; अध्यक्ष ने मंत्री पर लगाया था पैसे लेकर ट्रांसफर का आरोप

रायपुर/ छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री पर सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे के आरोपों से छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने किनारा कर लिया है। संगठन ने अध्यक्ष नीलमणि दुबे के बयान को निजी बताया है। बाकायदा लेटर पैड पर बयान जारी कर कहा है कि इसके लिए संगठन से कोई चर्चा नहीं की गई।

संगठन के सचिव गुरु दत्त पंचभाये और कोषाध्यक्ष राम मूर्ति दीवान ने कहा- नीलमणि दुबे ने बयान से पहले कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों से कोई चर्चा नहीं की। किसी तरह का प्रस्ताव भी नहीं पास कराया गया है। मीडिया में जो बातें कही गई है वह नीलमणी दुबे के व्यक्तिगत विचार हैं।

पहले जानिए क्या आरोप लगाए थे नीलमणि दुबे ने

सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, ट्रांसफर में क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

इस संबंध में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा का पक्ष भी जानने का प्रयास किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, मंत्रियों के बंगले उगाही के अड्डे बने? मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले पर “पैसा दो- ट्रांसफ़र लो” उद्योग संचालित है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जवाब देना चाहिए।

क्यों उठा ट्रांसफर में लेनदेन का मुद्दा

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया है। इसमें 55 तहसीलदार भी शामिल हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने कहा कि, 2 साल में उनका 6 बार ट्रांसफर किया गया है।

उन्होंने कहा कि, मेरा भी परिवार है, बच्चे हैं। हर व्यक्ति जिसका ट्रांसफर एक-दो साल के अंदर लगातार हुआ है, वह अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहा है। यह कैसी नीति है, जो ट्रांसफर पोस्टिंग को मंत्रियों को बिजनेस बनाने पर मजबूर कर देती है। यह भी आरोप लगाया कि संगठन के पदाधिकारियों को टारगेट कर दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है।

अब जानिए संगठन के बयान पर क्या बोले नीलमणि

सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि, कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ में दो फाड़ नहीं हुआ है। मैंने लेनदेन की आशंका व्यक्त की थी। मुझे अभी भी आशंका है। संगठन के लोगों को बड़े कार्यालय से फोन या दबाव आया होगा। हो सकता है कि दबाव में उन्होंने लैटर जारी किया हो। बहुत सारे साथी मेरे साथ हैं।

मैं अपने स्टैंड पर कायम हूं। मैं ट्रांसफर लिस्ट के खिलाफ हाईकोर्ट जाऊंगा। हाई कोर्ट में हम सूची को चैलेंज करेंगे। उसमें किसी प्रकार के क्राइटेरिया का ध्यान नहीं रखा गया है। रेंडमली लोगों का ट्रांसफर किया गया है, जो सही नही है। बहुत सारे साथियों ने अपने से ट्रांसफर कराया है, लेकिन मैंने अपना नाम ट्रांसफर के लिए नहीं दिया था।

नीलमणि दुबे ने कहा कि, मेरा नाम उठा कर उसे लिस्ट में डाल दिया गया। संघ के पदाधिकारी का नाम डाल दिया गया जो असंतुष्ट हैं वे इंडिविजुअल कैपेसिटी में हाई कोर्ट जाएंगे।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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