कौन हैं शरद भास्करन? NASA के चंद्र मिशन को कर रहे लीड, 52 साल बाद इतिहास रचने जा रहा अमेरिका…
52 साल के लंबे इंतजार के बाद अमेरिका ने चांद पर अपना मिशन भेज दिया है।
अमेरिका ने 8 जनवरी को दुनिया के पहले प्राइवेट मून मिशन के तहत पेरेग्रीन लैंडर वन (peregrine lander one) का सफलता पूर्वक प्रक्षेपण किया।
इस मिशन को एस्ट्रोबोटिक नामक कंपनी द्वारा विकसित किया गया है। पेरेग्रीन लैंडर पर नासा का सिर्फ यंत्र लगा है। यह यान अपने साथ कई वैज्ञानिक पेलोड के अलावा मानव अस्थियां भी लेकर गया है।
इस मिशन का भारत से गहरा नाता है। मिशन को भारतवंशी वैज्ञानिक लीड कर रहे हैं।
दुनिया का पहला कमर्शियल लैंडर चांद पर 23 फरवरी के दिन लैंड कर सकता है। फिलहाल इससे जुड़े वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यह चांद के दक्षिण ध्रुव पर लैंड कर सकता है।
हालांकि नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि हमने भारत के चंद्रयान-3 की सफलता और रूस के लूना मिशन की विफलता दोनों को देखा है।
इसलिए हम बेहद सावधानी बरत रहे हैं। इस मिशन को शरद भास्करन लीड कर रहे हैं। वे एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी में मिशन निदेशक हैं।
मानव अस्थियां लेकर गया यान
नासा और स्ट्रोबोटिक ने मिलकर पेरेग्रीन लैंडर में कई चीजों को लेकर चांद की तरफ निकला है। इसमें कई वैज्ञानिक पेलोड और सांस्कृतिक वस्तुएं भी हैं।
इसमें मानव अस्थियां भी शामिल हैं। इस लैंडर पर नासा का यंत्र लगा है, जो चांद पर पर्यावरण के अध्ययन करने के लिए साथ जा रहा है। यह सब इसलिए ताकि नासा के आगामी चंद्र मिशन अर्टेमिस मिशन में मदद मिल सके।
कौन हैं भास्करन
लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के अनुसार, भास्करन वर्तमान में पिट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया में एस्ट्रोबोटिक टेक्नोलॉजी इंक में मिशन निदेशक हैं।
उनका काम चंद्रमा की सतह पर पेलोड ले जाने के लिए डिजाइन किए गए एक कमर्शियल रोबोटिक चंद्र लैंडर को विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व करना है। वह 7 साल और 7 महीने से इस कंपनी के साथ जुड़े हैं। इससे पहले उन्होंने लॉकहीड मार्टिन के साथ 25 साल तक काम किया था।
1966 में जन्मे भास्करन ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। भास्करन ने पिछले साल इस मिशन को लेकर सीबीएस न्यूज से बातचीत की थी। उन्होंने कहा था, “हम यहां कुछ बड़ा करने की सोच रहे हैं। उम्मीद है, यह पिट्सबर्ग को एक अंतरिक्ष शहर बना देगा।”
नासा की अपनी वेबसाइट के अनुसार, उसका लक्ष्य, पेरेग्रीन मिशन वन के साथ, “चंद्रमा पर पानी के अणुओं का पता लगाना, लैंडर के चारों ओर विकिरण और गैसों को मापना और चंद्र बाह्यमंडल (चंद्रमा की सतह पर गैसों की पतली परत) का मूल्यांकन करना” है।