छत्तीसगढ़

राइस मिलर्स को जल्द देंगे बकाए की पहली किस्त, मिलिंग पर 80 रुपए प्रोत्साहन राशि लेटलतीफी के बाद अब एक्शन में सरकार

MAHANADI

रायपुर/ धान खरीदी केंद्रों में जाम पड़े धान के परिवहन में जल्द तेजी आने से आसार हैं। राज्य सरकार ने राइस मिलर्स को लंबित प्रोत्साहन राशि की पहली किस्त देने तथा इस साल होने वाली कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 80 रुपए करने का निर्णय लिया है। बुधवार को हुई साय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान 2024-25 के खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए सरप्लस धान के निराकरण के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। खरीफ सीजन में खरीदे गए धान की मिलिंग उसी सीजन में पूरा जमा कराने तथा इस साल के सरप्लस धान का चावल सेंट्रल पूल में जमा करने के लिए फिर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है

इसके साथ ही सरप्लस धान का निराकरण नीलामी से करने की अनुमति भी दी गई है।

छत्तीसगढ़ क्रीडा प्रोत्साहन योजना शुरू करेंगे छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए सुदृढ़ वातावरण तैयार करने तथा खेल संस्कृति को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ क्रीडा प्रोत्साहन योजना शुरू किया जाएगा। इसके तहत राज्य के खिलाड़ियों के लिए सुदूर ग्रामीण अंचलों से लेकर जिला मुख्यालय में खेलों के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।

इसके तहत छत्तीसगढ़ में खेल क्लब को बढ़ावा देने, खिलाड़ियों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए संबंधित पंजीकृत समितियों को खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने पर आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा। पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित किया जाएगा। ओलंपिक खेलों को ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में बढ़ावा देने के साथ ही राज्य के खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने पर उनको शत-प्रतिशत यात्रा व्यय तथा खेल उपकरण की सुविधा दी जाएगी।

कैबिनेट के अन्य प्रमुख निर्णय

  • पंचायत राज अधिनियम 1993 की धाराओं में संशोधन संबंधी छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) विधेयक, 2024 के प्रारूप का अनुमोदन।
  • छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रारूप का अनुमोदन।
  • छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1961 (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रारूप का अनुमोदन।
  • छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रारूप का अनुमोदन।

हमारे साथ की गई वादाखिलाफी : योगेश छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि कैबिनेट में वर्ष 2022-23 के भुगतान पर सहमति नहीं बनने से पूरे प्रदेश के मिलर्स हताश हैं। शासन ने पिछले दिनों हमारी मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था। लेकिन यह हमारे साथ वादाखिलाफी की गई है। हमें शासन से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद थी। मिलर्स को वर्ष 2022-23 के बजाय वर्ष 2023-24 के भुगतान का फैसला समझ से परे हैं। क्योंकि ज्यादातर मिलर्स का 2023-24 का काम पूरा नहीं हुआ है। जिन्होंने काम खत्म कर लिया है उनके भुगतान में भी अड़चनें लगाई जा रही हैं।

फोर्टिफाइड राइस कर्नेल जमा करने की अनुमति

बताया गया है कि 2024-25 के खरीफ सीजन में कस्टम मिलिंग के लिए फोर्टिफाईड चावल जमा की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा एनईएमएल के माध्यम से दर का निर्धारण किया जाएगा। इसके बाद 2023-24 के खरीफ सीजन के मुताबिक मिलरों द्वारा एफआरके निर्माताओं से भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर के अधीन फोर्टिफाईड राईस कर्नेल खरीद कर फोर्टिफाईड चावल जमा करने की अनुमति दी गई है।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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