Breaking News

संभल जामा मस्जिद मामला: SC ने कहा- सर्वे रिपोर्ट नहीं खुलेगी; ट्रायल कोर्ट को 8 जनवरी तक एक्शन नहीं लेने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (29 नवंबर) को संभल की जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट फिलहाल नहीं खुलेगी। ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया गया कि 8 जनवरी तक कोई भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (29 नवंबर) को संभल की शाखी जामा मस्जिद विवाद मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट फिलहाल नहीं खुलेगी। ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया गया कि 8 जनवरी तक कोई भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने शांति बनाए रखने की अपील की। मस्जिद पक्ष की ओर से सर्वे रोकने और यथास्थिति बनाए रखने की मांग की गई थी। मस्जिद के वकील ने कोर्ट से जरूरी दस्तावेज की मांग की है।

चंदौसी कोर्ट में पेश नहीं हो पाई सर्वे रिपोर्ट
शुक्रवार को चंदौसी कोर्ट में भी जामा मस्जिद मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पिछली सुनवाई को सर्वे रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। लेकिन आज यह रिपोर्ट पेश नहीं हो पाई।  एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि 24 नवंबर को मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसकी वजह से सर्वे रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई।

संभल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
संभल में हिंसा के 6 दिन बाद भी हालात तनावपूर्ण हैं। पुलिस ने संवेदनशील इलाकों की बैरिकेडिंग की है। कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि सभी मस्जिदों में नमाज शांतिपूर्ण तरीके से होगी। बाहरी ताकतों को संभल में घुसने नहीं दिया जाएगा। पूरे शहर में फोर्स तैनात है। चंदौसी कोर्ट के बाहर और जामा मस्जिद के साथ ही शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई है।

हिंसा की जांच के लिए आयोग का गठन
राज्य सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है।  इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। आयोग को दो महीने में रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। यह आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करने के बाद राज्य सरकार को सौंपेगी।

क्या है संभल के जामा मस्जिद का विवाद
बता दें कि जामा मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सर्वे का निर्देश दिया था। 24 नवंबर को प्रशासन मस्जिद में सर्वे करने पहुंची, इस दौरान मस्जिद के बाहर सैंकड़ों लोग जमा हो गए। सर्वे कराने वाली टीम पर पत्थरबाजी और हमला शुरू कर दिया। पुलिस ने भी कार्रवाई की। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी।

जमीयत का हिंसा पीड़ितों को मदद का ऐलान
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने हिंसा में मारे गए युवकों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने युवकों को शहीद बताया और मामले में सख्त जांच की मांग की। सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क ने कहा कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की निगरानी में होनी चाहिए। उन्होंने पूजा स्थल कानून का पालन करने की अपील की। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि मस्जिद में अब कोई और सर्वे नहीं होगा।

Suraj Makkad

Editor in Chief

Suraj Makkad

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button