विदाई समारोह: जस्टिस भादुड़ी ने 11 साल के कार्यकाल में निपटाए 35747 केस, इसमें 540 बने नजीर, कहा- यह ईश्वर का आशीर्वाद
बिलासपुर/ जस्टिस गौतम भादुड़ी शुक्रवार को रिटायर हो गए। उन्होंने अपने 11 साल के कार्यकाल में कुल 35 हजार 747 मामलों का निराकरण किया, जिसमें से 540 नजीर बने। चीफ जस्टिस के कोर्ट रूम में हुए विदाई समारोह में जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि यह ईश्वर और परिजनों के आशीर्वाद से संभव हो सका। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट उनके जीवन के स्कीम में नहीं है। हालांकि वे कल से कोर्ट में नहीं बैठेंगे, लेकिन विधि के क्षेत्र में सक्रियता बनी रहेगी।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के कोर्ट रूम में शुक्रवार की दोपहर 3.30 बजे से जस्टिस गौतम भादुड़ी का विदाई समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत में सीजे सिन्हा ने जस्टिस भादुड़ी के कार्यकाल पर अपनी बात रखते हुए न्यायपालिका में उनके योगदान की सराहना की। इसके बाद महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकांत सिंह चंदेल और डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने अपनी बातें रखीं।
कार्यक्रम के अंत में जस्टिस गौतम भादुड़ी ने संबोधित किया। इस दौरान हाई कोर्ट के सभी जज, रजिस्ट्रार जनरल बलराम प्रसाद वर्मा, रजिस्ट्री के अधिकारी, अधिवक्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे। अरपा को सहेजने व एयरपोर्ट में भूमिका अरपा को सहेजने और शहर में एयरपोर्ट के विकास में जस्टिस भादुड़ी का अहम योगदान रहा है।
दरअसल इन दोनों मामलों को लेकर लगाई गई जनहित याचिकाओं पर जस्टिस भादुड़ी की डिवीजन बेंच में सुनवाई होती रही है। उन्होंने लगातार कई दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद अरपा के संरक्षण की दिशा में कई काम हुए। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने अपने संबोधन के दौरान अपने दफ्तर के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों से लेकर अपने निजी स्टाफ के एक- एक कर्मचारी का नाम लेकर आभार जताया। कहा कि उनकी वजह से मैं अपना पूरा ध्यान काम पर दे सका।