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सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर राशि अनुसार करें पूजा-पाठ: भारत में नहीं दिखेगा 2 अक्टूबर का सूर्य ग्रहण; जानिए पितरों का श्राद्ध करते समय किन बातों का ध्यान रखें

बुधवार, 2 अक्टूबर को पितृ पक्ष की अंतिम तिथि रहेगी। इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या पर सूर्य ग्रहण भी हो रहा है, लेकिन ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इस वजह से इसका सूतक भी नहीं रहेगा। पूरे दिन बिना बाधा के धर्म-कर्म कर सकेंगे।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, पितृ पक्ष की अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान जरूर करना चाहिए, क्योंकि पूरे पितृ पक्ष में किए गए श्राद्ध कर्म से भी ज्यादा पुण्य इस अमावस्या पर किए गए श्राद्ध से मिल सकता है। इस दिन पर कई पीढ़ियों के जाने-अनजाने सभी पूर्वजों के लिए धूप-ध्यान किए जाते हैं। इस साल पितृ पक्ष में जिन मृत लोगों के लिए श्राद्ध करना भूल गए हैं, उनके लिए अमावस्या पर ही श्राद्ध कर सकते हैं।

सूर्य ग्रहण का समय और कहां-कहां दिखेगा

www.timeanddate.com के मुताबिक भारतीय समय अनुसार सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 9.13 बजे से शुरू होगा और मध्य रात्रि 3.17 बजे खत्म होगा। ये ग्रहण अर्जेंटिना और चिली में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इन देशों के अलावा अंटार्कटिका, ब्राजिल, मेक्सिको, न्यूजीलेंड, पेरू, अमेरिका सहित कई देशों में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। भारत के आसपास के देशों में ग्रहण के समय रात रहेगी, यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।

सूर्य ग्रहण जिस जगह दिखाई देता है, वहीं ग्रहण का सूतक मान्य होता है। जहां ग्रहण दिखाई नहीं देता है, वहां ग्रहण का सूतक नहीं मानना चाहिए। सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण के समय से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने तक रहता है।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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