हरतालिका तीज के दिन इस विधि से करें पूजा, शिव पार्वती की बरसेगी कृपा!
हरतालिका तीज, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है जो विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं और सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है. यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के अटूट प्रेम का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं.
हिन्दू धर्म में हरतालिका तीज, कुंवारी कन्याओं और सुहागिन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सुख-समृद्धि, वैवाहिक जीवन में मधुरता और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने की कामना से ये व्रत विधि-विधान से करती हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है. महिलाएं इस दिन विशेष रूप से सजती-संवरती हैं. हरतालिका तीज की कहानी भगवान शिव और माता पार्वती के प्रेम की कहानी से जुड़ी हुई है.
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे शुरू होगी और 6 सितंबर दिन शुक्रवार को दोपहर 3:01 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार हरतालिका तीज 6 सितंबर को मनाई जाएगी. जो महिलाएं 6 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी उनके लिए पूजा का सिर्फ 2 घंटे 31 मिनट का पवित्र मुहूर्त होगा.
हरतालिका तीज पूजा विधि
- हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.
- नहाने के बाद एक साफ स्थान पर चौकी बिछाकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं.
- एक चौकी पर शिवलिंग स्थापित करें और शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं और बेल पत्र चढ़ाएं.
- शिवलिंग और माता पार्वती की मूर्ति को फूलों और चंदन से सजाएं. दीपक जलाएं और धूप दें.
- शिवलिंग को फल और मिठाई का भोग लगाएं और माता पार्वती की मूर्ति पर सिंदूर लगाएं.
- पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘ॐ पार्वती नमः’ आदि मंत्रों का जाप करें.
- पूजा के अंत में हरतालिका तीज की कथा अवश्य सुनें.
- पूजा खत्म होने के बाद गरीबों और जरूरतमंद लोगों को दान कर सकते हैं.
पूजा में ये चीजें करें शामिल
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा में इन चीजों को शामिल करना बहुत ही आवश्यक होता है. जैसे – मिट्टी या धातु का शिवलिंग, दूध, दही, शहद, घी और पानी, बेल पत्र, धतूरा, बेल, मोगरा, चंदन, घी का दीपक, अगरबत्ती या धूप, फल, मिठाई, सिंदूर, मेहंदी आदि.
इन मंत्रों का करें जाप
- ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः
- नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं
- ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ
- ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय
- ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ
भूल से भी न करें ये गलतियां
हरतालिका तीज व्रत के दौरान दिन में सोना वर्जित माना गया है. हरतालिका व्रत के दिन पूजा में व्रत कथा जरूर पढ़ें, क्योंकि व्रत कथा पढ़ें बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता. जो महिला इस व्रत को एक बार कर लेती है, उसे ये व्रत जीवन भर रखना पड़ता है. यदि आप ऐसा करने में असमर्थ हैं तो आपके स्थान पर आपका पति या कोई अन्य महिला भी यह व्रत कर सकती है. हरतालिका तीज पर व्रतधारी स्त्रियों को क्रोध करने से बचना चाहिए. दूसरों के प्रति द्वेष की भावना न रखें, साथ ही अपनी वाणी पर संयम बनाए रखें तभी व्रत सफल होगा. साथ ही इस दिन पति या दूसरों से वाद-विवाद न करें. मान्यता है ऐसा करने से व्रत का प्रभाव कम हो जाता है और पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है