छत्तीसगढ़
हाईकोर्ट ने कहा : गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य दंगे के अपराध का दोषी
- बिलासपुर। हाईकोर्ट ने में नक्सलियों के एक मामले महत्वपूर्ण फैसला देते हुए ते हुए कहा कि गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य दंगे के अपराध का दोषी है, भले ही उसने स्वयं बल या हिंसा का प्रयोग ना किया हो। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि उस सभा दंगे के अपराध का दोषी है, भले ही उसने स्वयं बल या हिंसा का प्रयोग ना किया हो।
- इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि उस के सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में सदस्य को पता था कि कोई अपराध किया जा सकता है, उस सभा का प्रत्येक सदस्य गैरकानूनी सभा द्वारा किए गए अपराध के लिए दोषी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने हत्या के एक मामले में पांच नक्सलियों की याचिका खारिज करते हुए आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी है। शिकायतकर्ता रवीन्द्र फरसा ग्राम पंचायत हिंगम का सरपंच था।
- उद्देश्य शुरू से ही गैरकानूनी था
- इस मामले में हिरमा फरसा, जग्गू फरसा, बोटी बेको, मंगलू फरसा, जिला पोयामी के खिलाफ हत्या और दूसरे मामलों में अपराध दर्ज किया गया था। विशेष न्यायाधीश (एनआईए अधिनियम/ अनुसूचित अपराध) राजस्व जिला सुकमा एवं बीजापुर ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में आरोपियों ने अपील की थी। इस अपील में कहा गया कि इस घटना में वे शामिल नहीं थे और उन्हें गलत तरीके से पुलिस ने झूठे मामले में फंसाया है।
- हत्या में रही भागीदारी
- दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने माना कि आरोपी व्यक्तियों की सक्रिय भागीदारी इस हत्या में रही है। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही विशेष न्यायाधीश (एनआईए अधिनियम/ अनुसूचित अपराध) के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपियों की याचिका खारिज कर दी है।