छत्तीसगढ़

सीएम साय की पहल : पहले चरण में गरीबों के लिए बनेंगे 15 लाख आवास

रायपुर। छत्तीसगढ़ की डबल इंजन सरकार का असर अब दिखने लगा है। जिस आरोप को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सबसे ज्यादा झेला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद चुनाव में सबसे ज्यादा उछाला। कांग्रेस पार्टी की हार का बड़ा सियासी कारण बना, विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार सत्तारूढ होते ही सबसे पहले उसी अधूरे कार्य को पूरा करने में जुट गई। वो मसौदा है गरीबों को घर का। प्रधानमंत्री आवास योजना का। ग्रामीण इलाकों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर गरीब को पक्के घर का प्रावधान केंद्र की मोदी सरकार की फ्लैगशिप योजना रही है।

भूपेश बघेल के नेतृत्व में रही तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर लगातार आरोप चस्पां हुए कि सूबाई सरकार ने तब छत्तीसगढिया गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देने के लिए अपने हिस्सेदारी की चालीस फीसदी का भुगतान करने में आनाकानी की जिससे लाखों गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका। योजना होते हुए उनके सिर पर पक्के छत का वादा पूरा न हो सका। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60:40 की दर से योजना व्यय का फार्मूला तय है। केंद्र कुल खर्च का 60 फीसदी हिस्सा देती है जब कि शेष 40 फीसदी का भुगतान संबंधित राजकीय बजट से होता है। विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में छत्तीसगढ़ के गरीबों के लिए 15 लाख गरीबों के लिए आवास बनने की फाइल कुलाचे भरने लगी है।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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