छत्तीसगढ़

डॉक्टर डे पर विशेष : ग्रामीणों के लिए मसीहा बने डॉ. रमेश कुमार तिग्गा, 4 सालों से इस गांव में स्वास्थ्य सेवा दे रहे

जगदलपुर- डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है, इसी बात को पूरा करने के लिए बस्तर के डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने अपनी जिम्मेदारी पर खरा उतरने की कोशिश की है। बस्तर संभाग के बीजापुर जिला में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भैरमगढ़ है, जहां पदस्थ डॉ. रमेश कुमार तिग्गा ने इंद्रावती नदी पार बसे गांवों में ग्रामीणों के लिए खुले आसमान के नीचे शिविर लगाकर इलाज किया है।

बारिश में इस गांव तक पहुंचना मुश्किल 

ग्राम पहुंचविहीन में बारिश की वजह से लोगों का आना-जाना बंद रहता है। ऐसे गांव तक पहुंचना भी आसान नहीं, होता, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भैरमगढ़ से होते हुए इंद्रावती नदी को लकड़ी की छोटी नाव से पार किया है। लगभग 4 सालों से इन पहुंचविहीन गावों में रूककर स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से सेवा प्रदान करना अपनी सेवाकाल के दौरान शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया गया। ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र में उप स्वास्थ्य केन्द्र सागमेटा और इंद्रावती नदी के पार उप स्वास्थ्य केन्द्र बेलनार, मंगनार, धर्मा और बड़ेपल्ली जो पहले घरों में प्रसव हो रही था। उसे शिविर लगाकर सही तरीके से करवाया जा रहा है।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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