Breaking News

पन्नू को मारने की साजिश का दस्तावेज दिखाओ, कोर्ट ने US सरकार से मांगा सबूत; निखिल गुप्ता को मिलेगी राहत?…

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश के मामले में नया मोड़ आया है।

न्यूयॉर्क की एक अदालत ने अमेरिकी सरकार से दस्तावेजी सबूत मांगे हैं। अदालत ने अमेरिकी सरकार को निखिल गुप्ता के वकीलों द्वारा दायर एक प्रस्ताव का जवाब देने का आदेश दिया है, जिसमें उनके खिलाफ आरोपों से संबंधित दस्तावेजी सबूतों की मांग की गई है।

भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिकी अधिकारियों ने खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

अमेरिकी जिला न्यायाधीश विक्टर मारेरो ने 8 जनवरी को आदेश में कहा, “4 जनवरी, 2024 को, बचाव पक्ष के वकील ने आरोपों से संबंधित सभी दस्तावेजों को पेश करने के लिए एक प्रस्ताव दायर किया। इसमें अनुरोध किया गया कि अदालत एक आदेश दे जिसमें सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह बचाव पक्ष के वकील को संबंधित दस्तावेज प्रदान करे। यह कोर्ट सरकार को इस आदेश की तारीख के तीन दिनों के भीतर संबंधित दस्तावेजी सबूत पेश करने के प्रस्ताव पर जवाब दाखिल करने का निर्देश देती है।”

अदालत का ये आदेश अमेरिकी सरकार के लिए झटका माना जा रहा है। दरअसल निखिल गुप्ता इस समय चेक रिपब्लिक की जेल में बंद हैं।

अमेरिका निखिल के प्रत्यर्पण को लेकर पूरा जोर लगा रहा है। अगर अमेरिकी वकील आरोपों को लेकर दस्तावेजी सबूत पेश नहीं कर पाते हैं तो निखिल के प्रत्यर्पण पर तलवार लटक सकती है।

पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी न्याय विभाग ने मैनहट्टन की एक संघीय अदालत में दायर एक मुकदमें में दावा किया था कि एक भारतीय अधिकारी पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के साथ काम कर रहा था।

न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी मैथ्यू जी ऑलसेन ने कहा है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या के लिए ‘हत्यारे को हायर’ करने का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है।  

अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि 52 वर्षीय गुप्ता खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश में शामिल था। पन्नू के पास यूएस और कनाडा की दोहरी नागरिकता है।

वहीं परिवार ने पिछले दिनों भारतीय सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा था कि कारोबारी निखिल गुप्ता यात्रा पर चेक गणराज्य गए थे।

उन्हें 30 जून को प्राग हवाई अड्डे पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और लगभग 100 दिनों तक एकांत कारावास में रखा गया। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि गुप्ता की गिरफ्तारी के नियमों के तहत नहीं की गई और इसमें कई अनियमितताएं थीं।

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button