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रायपुर : बोनस राशि आहरण में हीला-हवाला करने वाले बैंकर्स पर होगी कार्रवाई…

बैंक से राशि आहरण के मामले में कमीशन मांगने वाले मैनेजर के खिलाफ एफआईआर के निर्देश

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने ली विभागीय समीक्षा बैठक

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि है किसानों को अपने सहकारी बैंक खातों से राशि के लेन-देन में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए।

किसानों द्वारा राशि के आहरण के समय बैंकर्स द्वारा टाल-मटोल किए की शिकायत मिली तो संबंधित बैंकर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सहकारी बैंक करगीरोड में किसानों द्वारा बोनस की राशि आहरण करते वक्त प्रभारी शाखा प्रबंधक द्वारा कमीशन मांगे जाने की शिकायत पर निलंबन की कार्रवाई को पर्याप्त न मानते हुए उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि सहकारी बैंक करगीरोड के प्रभारी शाखा प्रबंधक हरीश कुमार वर्मा को किसानों से कमीशन राशि मांगे जाने की शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर कलेक्टर बिलासपुर के निर्देश पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

 वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने आज नया रायपुर स्थित अपेक्स बैंक के सभागार में सहकारिता विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कामकाज की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को सहकारी बैंकों के कामकाज पर निगरानी रखने के साथ ही सोसायटियों के माध्यम से किसानों को रबी सीजन के लिए आवश्यक आदान-सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

मंत्री केदार कश्यप ने बैठक में अधिकारियों को धान की व्यवस्था पर भी कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत न आए और उन्हें सहजता से टोकन, बारदाना उपलब्ध हो यह सुनिश्चित करना भी अधिकारियों की जिम्मेदारी है। धान उपार्जन के मामले में किसानों से राशि की मांग करने वालों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के लगभग 13 लाख किसानों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों से किए गए वादे के अनुसार दो साल के धान की बकाया बोनस राशि का भुगतान उनके बैंक खातों में कर दिया गया है।

मंत्री कश्यप ने कहा कि ऐसे किसान जिनका बैंक खाता त्रुटिपूर्ण अथवा अन्य कारणों से बोनस राशि का भुगतान नहीं हो सका है।

उसका तत्काल निराकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे किसानों के नामों की सूची भी संबंधित सोसायटी के सूचना पटल पर चस्पा करने के निर्देश दिए। मंत्री कश्यप ने कहा कि अधिकतम एक माह की समयावधि में किसानों के बैंक खातों का सुधार कर उन्हें राशि का भुगतान अनिवार्य रूप से किया जाए।

मंत्री कश्यप ने कहा कि सहकारिता का लाभ शत-प्रतिशत किसानों को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने छूटे किसानों को भी सहकारी समिति से जोड़ने के निर्देश दिए।

मंत्री कश्यप ने बैठक में किसानों को प्रदाय किए जाने वाले अल्पकालीन कृषि ऋण की समीक्षा की। उन्हें अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि अब तक किसानों को 7000 करोड़ रूपए ऋण वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 7342 करोड़ का ऋण वितरण किया जा चुका है।

बैठक में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजनांदगांव द्वारा लक्ष्य के विरूद्ध अत्यधिक ऋण वितरण पर संयुक्त पंजीयक को जांच के निर्देश दिए गए। छत्तीसगढ़ में 2058 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां है, जिसमें से 1397 समितियों में माइक्रो एटीएम प्रदाय किए गए हैं।

शेष 661 सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम लगाये जाने के निर्देश दिए गए। नाबार्ड सहायता अंतर्गत आरआईडीएफ योजना के तहत 725 नवीन गोदाम निर्माण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि 280 गोदामों का निर्माण हो चुका है।

निर्माण के लिए प्रति गोदाम राशि रूपये 25.56 लाख के मान से कुल 185 करोड़ 31 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है।

बैठक में बताया गया कि 2028 सोसाइटियों का चयन पैक्स कम्प्युटराइजेशन हेतु किया गया है। सहकारी शक्कर कारखानों में शक्कर उत्पादन, कोण्डागांव में निर्माणाधीन मक्का आधारित एथेनाल प्लांट एवं कवर्धा में ईथेनाल प्लांट की स्थिति की समीक्षा की गई।

बैठक में पैक्स की आय बढ़ाने, डेयरी, मात्स्यिकी, भण्डारण के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर सृजित करने पर भी चर्चा की गई। पैक्स को कामन सर्विस सेन्टर विकसित करने, चयनित सहकारी समिति को जनऔषधी केन्द्र एवं पेट्रोल पंप शुरू करने के साथ ही सहकारी समितियों को किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर सचिव सहकारिता हिम शिखर गुप्ता, पंजीयक सहकारी संस्थाएं रमेश कुमार शर्मा, विपणन संघ प्रबंध संचालक सुश्री इफ्त आरा, अपेक्स बैंक प्रबंध संचालक के.एन.कान्डे सहित मुख्यालय एवं संभागीय मुख्यालय विभागीय अधिकारी, शक्कर कारखानों के प्रबंध संचालक तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सीईओ सहित वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

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