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ये है छत्तीसगढ़ के कुछ खूबसूरत पर्यटन स्थल, नए साल में घूमने जाने का बना रहे है मन तो ज़रूर पढ़ें

अगर आप भी नए साल के अवसर पर कही घूमने का मन बना रहे है, तो हम आपको बताएंगे छत्तीसगढ़ के खूबसूरत पर्यटन स्थल के बारे जहा आप घूमने एवं समय व्यतीत करने जा सकते है। यहां आपको प्रकृति की असली सुंदरता देखने को मिलेगी। साथ ही यहां की हरियाली आपके मन को शांति प्रदान करेगी।

घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है बस्तर – यहां देश ही नहीं विदेश से भी टूरिस्ट पहुंचते हैं। यहां मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक में स्थित है। यहां करीब 30-40 फीट की चौड़ाई से गिरता हुआ जल बेहद ही खूबसूरत लगता है।तीरथगढ़ जलप्रपात – बस्तर के कांगेर वेली नेशनल पार्क में बस्तर का दूसरा बड़ा पर्यटन स्थल तीरथगढ़ जलप्रपात है। इस जलप्रपात को बस्तर की जान कहा जाता है, इसमें मुनगा बहार नदी का पानी गिरता है। इसके बाद कांगेर वैली नेशनल पार्क में विशालकाय गुफा भी है, जिसे कुटुंबसर गुफा कहा जाता है। ये गुफा काफी बड़ा और लगभग 5 हजार फीट चौड़ा है। गुफा के अंदर अलग-अलग तरह की आकृतियां बनी हुई है।

सरगुजा का मैनपाट – छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से मशहूर मैनपाट भी घूमने के लिए बेस्ट जगह है। यहां की खूबसूरती देखने दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं। मैनपाट का टाइगर प्वाइंट जंगल के बीच में एक गहरा झरना है। यहां काफी ऊंचाई से पानी गिरता है।

मैनपाट का उल्टा पानी – मैनपाट जाने के रास्ते में उल्टा पानी नाम का पिकनिक स्पॉट पड़ता है. इस जगह का नाम उल्टापानी इसलिए भी पड़ा क्योंकि यहां पानी उल्टा बहता दिखाई पड़ता है। यहां पानी ढलान की ओर नहीं बल्कि चढ़ाई की ओर बहता है।बूढ़ा नाग झरना – बूढ़ा नाग झरना सरगुजा में पड़ता है। इस झरने का स्वच्छ जल उत्तराखंड की नदियों की याद दिलाता है। यहां का शांत वातावरण किसी का भी मन मोह लेता है। इस झरने के पास में मैनपाट के प्रथम पूज्य देवता बूढ़ा नाग स्थित हैं, जो यहां के लोगों के आस्था का केन्द्र है।

कवर्धा का भोरमदेव मंदिर – कवर्धा के पुराने और मशहूर भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के खजुराहों के नाम से मशहूर है। यहां देश ही नहीं विदेश से भी सैलानी पहुंचते हैं। इस मंदिर को 11वीं सदी में नागवंशी राजाओं ने बनवाया था। मंदिर के अंदर खूबसूरत कलाकृति उकेरी गई है, जिन्हें देखकर पर्यटक आश्चर्य से भर जाते हैं।

कवर्धा का मैकल पर्वत: कवर्धा का मैकल पर्वत भी पर्यटकों का मन मोहता है। मनोरम वादियों के बीच मैकल पर्वत है। पर्वतों को काट कर बनाए रास्ते में एक तरफ मैकल पर्वत पड़ता है। वहीं, दूसरी ओर ये पर्वत हजारों फिट गहरी खाई के रास्ते से होकर गुजरता है। ये रास्ता मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़ से जोड़ता भी है. मैकल पर्वत के बीच झरनों के साथ ही सरोदा बांध भी मौजूद है। यह बांध तीनों ओर से पर्वतों से घिरा हुआ है।

पलटन घाट बेस्ट पिकनिक स्पॉट – प्राकृतिक पर्यटन स्थलों में से एक पलटन घाट रामानुजगंज शहर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नदी के एक तरफ सफेद पत्थरों की श्रृंखला है। दूसरी तरफ काले रंग के पत्थर मौजूद हैं। नए साल के मौके पर यहां लोग पहुंचते हैं। पलटन घाट कन्हर नदी के बीच प्राकृतिक रूप से निर्मित सफेद और काले रंग के पत्थरों के बीच है।

तातापानी में गर्म जल कुंडों का रहस्य – तातापानी अपने गर्म जल स्त्रोत के लिए छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश भर में प्रसिद्ध है। यहां कई हजार वर्षों से धरती के अंदर से गर्म पानी निकल रहा है। यह प्रमुख धार्मिक स्थल भी है। तातापानी राष्ट्रीय राजमार्ग 343 के किनारे ही मौजूद है।

लक्ष्मण मंदिर सिरपुर – महासमुंद जिले के सिरपुर में स्थित यह प्राचीन मंदिर 1500 साल से वासटा रानी के प्रेम की निशानी है। लाल ईटों से बने इस मंदिर को रानी के मौन प्रेम के गवाह के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंदिर के अंदर भगवान लक्ष्मण की मूर्ति है। राजा हर्षगुप्त की स्मृति में महाशिवगुप्त बालार्जुन के शासनकाल के दौरान 735-40 ईस्वी में नागर शैली में इस मंदिर का निर्माण हुआ था। इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक माना जाता है, जहां हर साल हजारों पर्यटक घूमने आते हैं।

गंगरेल बांध धमतरी – धमतरी जिले में महानदी स्थित गंगरेल बांध राज्य का सबसे बड़ा बांध है, इसे मिनी गोवा के नाम से भी जाना जाता है क्यूंकि राज्य प्रशासन ने इसे मिनी गोवा के तर्ज पर बनाया है। यह जेट स्कीइंग, वाटर सर्फिंग, वाटर स्कीइंग, सेलिंग और काइट सर्फिंग जैसे वाटर स्पोर्ट्स के लिए पर्यटकों के बीच फेमस है। गंगरेल बांध छत्तीसगढ़ के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस में से एक है, जो कि राजधानी रायपुर से 80 किमी दूरी पर है।

Shreyansh baid

Editor in Chief

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