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बजरंग पुनिया से मिले राहुल गांधी, WFI विवाद पर अखाड़े में की पहलवानों के संग चर्चा…

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के निलंबन के बाद भी इस मुद्दे पर सियासत जारी है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह-सुबह हरियाणा के झज्जर के छारा गांव स्थित वीरेंद्र कुश्ती अकादमी पहुंचे।

यहां उन्होंने पहलवान बजरंग पुनिया से मुलाकात की। आपको बता दें कि इसी कुश्ती अखाड़े से पुनिया बंधुओं ने अपनी कुश्ती की ट्रेनिंग शुरू की थी।

आपको बता दें कि हाल ही में पुनिया ने WFI में हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के विरोध में प्रधानमंत्री के आवास के नजदीक में पद्मश्री पुरस्कार फुटपाथ पर रख दिया था। वहीं, साक्षी मलिक ने सन्यास का ऐलान कर दिया था।

आपको बता दें कि स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने का फैसला करते हुए मौजूदा हालात से निराश होने की बात कही।

फोगाट ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में अपने फैसले की घोषणा की। फोगाट ने कहा, मुझे याद है कि 2016 में जब साक्षी मलिक ने ओलंपिक पदक जीता तो सरकार ने उन्हें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया।

जब हमें इस बारे में पता चला तो देश की महिलाएं खुश थीं और एक-दूसरे को बधाई संदेश भेज रही थीं।

फोगाट ने कहा, आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो मुझे वह साल बार-बार याद आ रहा है।

हमें उन विज्ञापनों को प्रकाशित करने में कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि उनमें लिखे नारों से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीरता से काम करना चाहती है।

सपना धुंधला पड़ता जा रहा
फोगाट ने कहा कि मैंने ओलंपिक में पदक जीतने का सपना देखा था लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है। बस यही दुआ करूंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना जरूर पूरा हो।

फिर आरोप लगाए
पत्र में विनेश ने प्रधानमंत्री से महिला पहलवानों के खिलाफ अपमानजनक बयानों (बृज भूषण के) को सुनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, जो शोषणकर्ता है उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है।

आप बस अपने जीवन के पांच मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुनें। आपको पता चल जाएगा कि उसने क्या-क्या किया है।

विनेश ने आरोप लगाया कि महिला पहलवानों के लिए अपमानजनक संबोधन का इस्तेमाल किया गया। उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

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