विदेश

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के अथक प्रयासों से प्रदेश में निवेश का नया कीर्तिमान

हर जिले में औद्योगिक निवेश की अपार संभावनाएं

भोपाल 
मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य के हर जिले में निवेश को सक्रिय रूप से लाने का काम किया है। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम, शहडोल, सागर और रीवा में आयोजित क्षेत्रीय रीजनरल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (RIC) उद्योग सम्मेलन ने स्थानीय उद्यमियों और उद्योगपतियों को सीधे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के साथ जोड़ा। मुख्यमंत्री ने जर्मनी, स्पेन और जापान सहित प्रमुख देशों के दौरे किए, जहाँ उन्होंने मध्यप्रदेश के औद्योगिक अवसरों और निवेश की संभावनाओं को वैश्विक मंच पर पेश किया। देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों में रोड शो के माध्यम से निवेशकों को प्रदेश की सरल सुगम औद्योगिक नीतियों, योजनाओं और अवसरों से सीधे परिचित किया। इन पहलों से न केवल निवेश बढ़ा बल्कि उद्यमियों के लिए औद्योगिक अवसर और युवाओं के लिए रोजगार भी सृजित हुए।

औद्योगिक अधोसंरचना और प्रमुख परियोजनाएँ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में औद्योगिक अधोसंरचना का विस्तार तेजी से हुआ है। राज्य के लगभग 85 प्रतिशत जिलों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं, जो प्रत्येक जिले की विशेषताओं और क्षमताओं के अनुरूप हैं। सितंबर 2025 तक 33 हजार 450 हेक्टेयर में 139 औद्योगिक पार्क तैयार हो चुके हैं जो 2023 की तुलना में दोगुने से अधिक हैं। नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 4 हजार 861 हेक्टेयर में 5,700 करोड़ रुपए, मौजूदा क्षेत्रों के उन्नयन के लिए 761.77 करोड़ रुपए, और विशेष सहायता योजना के तहत 5 हजार 165.36 करोड़ रुपए मूल्य की 43 परियोजनाएँ स्वीकृत हुई हैं।

उज्जैन में विक्रम उद्योगपुरी एक स्मार्ट औद्योगिक टाउनशिप के रूप में विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा हाल में शिलान्यास किए गए धार में पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क टेक्सटाइल मूल्य श्रृंखला का आधार बन रहा है। सितापुर-मुरैना में मेगा लेदर और फुटवियर पार्क 162.70 हेक्टेयर में फैला निर्यातोन्मुख केंद्र बन गया है। नर्मदापुरम के मोहासा-बाबई में नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र में 17 हजार 750 करोड़ रु. का निवेश हुआ है, 21,777 रोजगार सृजित हुए और 514.50 एकड़ भूमि 22 इकाइयों को आवंटित की गई। Phase-II में नौ अतिरिक्त इकाइयों के लिए 551 एकड़ भूमि आवंटित की गई है, जिससे 39,210 करोड़ रुपए का प्रस्तावित निवेश और 14 हजार 700 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

रतलाम में मेगा इंडस्ट्रियल पार्क, सीहोर में आष्टा क्लस्टर, जमोदी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और ग्वालियर में टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन राज्य में औद्योगिक विविधता और आधुनिक उत्पादन को मजबूत कर रहे हैं। इंदौर आर्थिक कॉरिडोर के माध्यम से भूमि पूलिंग और औद्योगिक विस्तार सुगम हुआ है।

तकनीक, नवाचार और क्षेत्रीय कौशल
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में स्थापित आईटी और डिजिटल उद्योग केंद्र राज्य को बहु-क्षेत्रीय औद्योगिक शक्ति केंद्र बना रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि तकनीक और नवाचार को स्थानीय प्रतिभा के साथ जोड़कर ही औद्योगिक विकास की सार्थकता है। क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन और प्रशिक्षण पहलों के माध्यम से स्थानीय युवाओं और उद्यमियों को उद्योग की मांग के अनुसार कौशल प्रदान किया जा रहा है।

क्षेत्रीय औद्योगिक विकास के स्पष्ट परिणाम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से जिलों में औद्योगिक विकास स्पष्ट रूप से दिख रहा है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने निवेशकों को हर जिले की विशेष क्षमताओं और निवेश अवसरों जिससे निवेश सीधे धरातल पर आया। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से यह सुनिश्चित हुआ कि विकास सिर्फ शहरों तक सीमित न रहे, बल्कि जिले और स्थानीय स्तर पर हर कोने में निवेश और उद्योगों का विस्तार हो।

निवेश से साकार हुई प्रगति
प्रदेश में निवेश परियोजनाएँ तेजी से धरातल पर उतर रही हैं। विक्रम उद्योगपुरी, पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क और नर्मदापुरम के नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र जैसी परियोजनाओं ने औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को मजबूती दी है। निवेश बढ़ने के साथ ही रोजगार, स्थानीय व्यवसाय और नए उद्योग स्थापित हुए हैं। यह साबित करता है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निवेश प्रयास वास्तविक परिणाम में बदल रहे हैं और प्रदेश की औद्योगिक प्रगति को मजबूती दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का दृष्टिकोण स्पष्ट है कि औद्योगिकीकरण केवल निवेश तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि स्थानीय रोजगार, क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करना चाहिए। प्रदेश में निवेश आने से जिले और क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हो रहे हैं, स्थानीय युवाओं और उद्यमियों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं और मध्यप्रदेश अब निवेशकों के लिए भरोसेमंद और सक्रिय औद्योगिक केंद्र बन गया है।

 

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button