छत्तीसगढ़

पीएससी ने बदला पैटर्न : अभ्यर्थियों के सामने नहीं जांचे दस्तावेज, शपथ पत्र लेकर किया रवाना

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पीएससी को ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए नई व्यवस्था की थी। ये पैनल सभी आवेदनों के अंकों की गणना करने के पश्चात अंतिम सूची जारी करेगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने अंततः दस्तावेज सत्यापन को लेकर अपने पैटर्न में बदलाव किए हैं। लगातार निर्मित हो रही विवाद की स्थिति के बाद बुधवार पीएससी को ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए नई व्यवस्था की थी। मामला उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राध्यापक भर्ती का है। प्राध्यापकों के 595 पदों पर पीएससी द्वारा भर्ती की जानी है। इसके लिए सर्वप्रथम 2 दिसंबर से दस्तावेज सत्यापन का शेड्यूल तय किया गया था। उस वक्त उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जो टीम जांच के लिए भेजी गई थी, वे विभिन्न आधार पर प्राध्यापक पद के उम्मीदवारों को मिलने वाले अंकों की गणना नहीं कर सकी थी। उस वक्त भी हंगामा हुआ था, जिसके पश्चात पीएससी ने दस्तावेज सत्यापन स्थगित कर दिया था।

10 दिसंबर से स्थगित दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया दोबारा शुरु की गई, लेकिन पुनः वही समस्या सामने आई तो पूर्व में दी गई तिथियों में आई थी। मंगलवार को हंगामे के बाद बुधवार को पीएससी ने अपना तरीका ही बदल दिया। पीएससी द्वारा सभी कैंडिडेट्स को एक फॉर्मेट दिया गया था, जिसमें उन्हें अपने शोध पत्र, पीएचडी, रिसर्च  पेपर पब्लिकेशन सहित अन्य तरह की जानकारी प्रदान करनी थी। इसके आधार पर उनके अंक तय होंगे। मंगलवार तक कैंडिडेट्स को सम्मुख बैठाकर अंकों की गणना की जा रही थी, इसलिए विवाद की स्थिति निर्मित हो रही थी।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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