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महाराष्ट्र: देवेंद्र फडणवीस होंगे नए CM, एकनाथ शिंदे के बेटे बन सकते हैं डिप्टी सीएम! जानें सियासी अपडेट

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महाराष्ट्र में महायुति की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार के गठन की तैयारियां तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, BJP ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है। शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस को अपना समर्थन दिया है। चर्चा है कि शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।

CM के तौर पर फडणवीस का नाम लगभग तय
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री बनाने का फैसला हो चुका है। आज या कल (2 या 3 दिसंबर) को देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा। वहीं, एकनाथ शिंदे ने भी फडणवीस के नाम पर समर्थन जता दिया है। शिंदे ने कहा है  कि पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह मुझे और शिवसेना को मंजूर होगा।

शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू
महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित होगा। इस भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में सीएम और डिप्टी सीएम के साथ ही कैबिनेट के कुछ अहम मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह के लिए पंडाल तैयार करने का काम शुरू हो गया है। इस शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों के शामिल होने की संभावना है।

शिंदे के बेटे को डिप्टी सीएम पद मिलने की चर्चा
एकनाथ शिंदे हाल ही में अपने गांव सतारा गए थे। वहां उनकी तबीयत खराब हो गई थी। मुंबई लौटने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत की। शिंदे ने कहा कि मैं बीजेपी के फैसले का पूरा समर्थन करुंगा। इस बीच ऐसी खबरें भी आई कि शिंदे ने अपने लिए गृह मंत्रालय समेत कैबिनेट में कई अहम पदों की डिमांड रखी है। शिंदे ने इन अटकलों को खारिज किया। अब यह भी चर्चा है कि एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को डिप्टी सीएम पद दिया जा सकता है। हालांकि, बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

महायुति ने महाराष्ट्र में दर्ज की है शानदार जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-एनडीए गठबंधन, जिसे महायुति कहा जाता है, ने शानदार जीत दर्ज की। 288 सीटों वाली विधानसभा में महायुति ने 230 सीटों पर कब्जा जमाया। बीजेपी ने 132 सीटें जीतीं, शिवसेना को 57 सीटें मिलीं और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें हासिल कीं। वहीं, विपक्षी इंडिया गठबंधन, जिसे महाविकास अघाड़ी भी कहा जाता है कुल  मिलाकर 46 सीटें जीतीं हैं। यह विधानसभा की कुल 288 सीटों का 10% से भी कम है। इन पार्टियों में से कोई भी नेता प्रतिपक्ष का पद प्राप्त करने के योग्य नहीं है, क्योंकि इसके लिए किसी पार्टी को कम से कम 29 सीटें जीतनी जरूरी होती हैं

शिवसेना और एनसीपी में सामने आई तनातनी
शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने बयान दिया कि अगर एनसीपी गठबंधन में शामिल न होती, तो शिवसेना 90-100 सीटें जीत सकती थी। पाटिल ने कहा, ‘हमने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा। अगर एनसीपी साथ न होती, तो हम और ज्यादा सीटें जीतते।’ इस बयान पर एनसीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकारी ने कहा कि यह गैर-जिम्मेदाराना बयान है। इस बयान से दोनों पार्टियों के बीच तनातनी की स्थिति पैदा हो गई है।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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