हसदेव नदी व जंगल की रक्षा का संदेश देते हुए पदयात्रा :बिलासपुर से हसदेव तक 24 नवम्बर से, पर्यावरण विद् होंगे शामिल
बिलासपुर/ 24 नवंबर से प्रारंभ होने वाली पदयात्रा जो बिलासपुर चांपा कोरबा होते हुए हसदेव तक जाएगी। इसमें आप सभी से शामिल होने और सहयोग की अपेक्षा है।
पदयात्रा की तैयारियों में अभी तक पर्यावरण सेवीयों ने चांपा तक और कटघोरा से हसदेव तक संपर्क पिछले तीन दिनों में किया है, हर जगह नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने पदयात्रा में शामिल होने और व्ववस्था में सहयोग का आश्वासन दिया है।
हर पड़ाव पर रुकने और भोजन की व्यवस्था की गई है। यात्री के आगे आगे एक वाहन में भोजन की सामग्री के साथ हलवाई और सहायक लोग रहेंगे, इसमें विश्राम हेतू बिस्तर इत्यादि सामान रहेंगे। हमारे साथ साथ एक वाहन भी रहेगा जिसमें आवश्यक वस्तुएं पानी प्राथमिक चिकित्सा एवं जरूरत होने पर बैठने की सुविधा भी रहेगी।
बिलासपुर से यात्री लगभग तीस चालीस पदयात्रियों के साथ यात्रा प्रारंभ कर्रेंगे।
पदयात्रा मार्ग पर आने वाले गांवों एवं बस्तियों में हम रुक- रुककर नागरिकों को पदयात्रा के उद्देश्य से परिचित कराएंगे, पाम्फलेट वितरण करेंगे और नदी जंगल बचाने के लिए जागरूक करेंगे।
आप लोगों से अनुरोध है यात्रा में चलने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें।
बिलासपुर व छत्तीसगढ़ के नागरिकों द्वारा हसदेव नदी व जंगल की रक्षा का संदेश देते हुए एक पदयात्रा बिलासपुर से हसदेव तक की जा रही है। यह पदयात्रा 24 नवंबर 2024 को नेहरु चौक बिलासपुर से प्रातः 9 बजे प्रारंभ होगी। यात्रा का मार्ग व रात्रि विश्राम के स्थानों का विवरण निम्नानुसार रहेगा-
24 नवंबर 2024- नेहरु चौक बिलासपुर से गांधी चौक से तोरवा चौक होते हुए मोपका से जयरामनगर तक
25 नवंबर – जयरामनगर से अकलतरा
26 नवंबर – अकलतरा से जांजगीर
27 नवंबर – जांजगीर से चांपा
28 नवंबर – चांपा से मड़वारानी
29 नवंबर – मड़वारानी से कोरबा
30 नवंबर – कोरबा से गोपालपुर
1 दिसंबर – गोपालपुर से कटघोरा
2 दिसंबर – कटघोरा से पौड़ी
3 दिसंबर – पौड़ी से मड़ई
4 दिसंबर – मड़ई से चोटिया
5 दिसंबर – चोटिया से केंदई
6 दिसंबर – केंदई से मदनपुर
7 दिसंबर – मदनपुर से हरिहरपुर
8 दिसंबर- हरिहरपुर परसा में वृक्षारोपण के साथ समापन
हमारे द्वारा प्रशासन को यह आश्वासन दिया गया है कि यह पदयात्रा पूर्णतः अनुशासित, विवादरहित व शांतिपूर्ण रहेगी। हमारी वजह से कहीं पर भी यातायात व व्यवस्था में बाधा उत्पन्न नहीं होगी।