छत्तीसगढ़

केंद्रीय मंत्री ने जशपुर में स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाने की घोषणा: मनसुख मांडविया बोले- यहीं आदिवासी खिलाड़ी ओलंपिक खेलेंगे, जनजातीय गौरव दिवस पर 7KM करेंगे पदयात्रा

रायपुर/जशपुर/ छत्तीसगढ़ के जशपुर में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाने की घोषणा की है। सीएम साय की मांग पर उन्होंने ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि, इसी स्टेडियम में आदिवासी खिलाड़ी ओलंपिक खेलेंगे। यही शुभकामनाएं है। दरअसल, केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम और रोजगार मंत्री डॉ मनसुख मांडविया​ पदयात्रा में शामिल होने जशपुर पहुंचे हैं। सीएम साय, डिप्टी सीएम अरुण साव, मंत्री रामविचार नेताम, ओपी चौधरी और केंद्रीय मंत्री के साथ 10 हजार से ज्यादा ‘माई भारत यूथ वालंटियर्स’ 7 किमी पदयात्रा करेंगे।

यह वॉलंटियर्स आदिवासी समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाएंगे। पदयात्रा कोमोडो गांव से शुरू होगी और करीब 7 किलोमीटर की दूरी तय कर रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी।

जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस पर कार्यक्रम में पहुंचे लोग।

जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस पर कार्यक्रम में पहुंचे लोग।

नाटक के जरिए दिखाएंगे आदिवासी नेताओं के योगदान

इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता में आदिवासी नेताओं के योगदान को नाटकों के जरिए दिखाया जाएगा। आदिवासी विरासत को दिखाने वाले डांस होंगे। इस पदयात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल को ध्यान में रखकर पौधे भी लगाए जाएंगे।

इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता में आदिवासी नेताओं के योगदान को दिखाया जाएगा।

इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता में आदिवासी नेताओं के योगदान को दिखाया जाएगा।

प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी

इसमें ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलन, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि, भारत के आदिवासी समुदायों की अनूठी कलात्मकता और शिल्प कौशल की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इस पदयात्रा के बीच-बीच में आदिवासी संस्कृति, सुंदर रंगोली कलाकृतियां, पेंटिंग और पारंपरिक आदिवासी कला को दिखाया जाएगा।

आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य को दिखाया जाएगा। आदिवासी खाद्य पदार्थों और उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया जाएगा।

कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से जागरूकता

पदयात्रा के मार्ग पर कई ठहराव स्थलों पर आदिवासी संस्कृति का उत्सव मनाया जाएगा। रंगोली, पेंटिंग और पारंपरिक आदिवासी कला का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जहां लोग आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य का अनुभव कर सकेंगे। आदिवासी खाद्य पदार्थों का चयन भी किया जाएगा। जिसे उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताया जाएगा।

जनजातीय गौरव दिवस के बारे में जानिए

जनजातीय गौरव दिवस की घोषणा साल 2021 में केंद्र सरकार ने की थी। यह दिन स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को हुआ था। वे मुंडा जनजाति से थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था।

यह कार्यक्रम भी होंगे

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव मनाते आदिवासी नृत्य और संगीत।
  • आदिवासी आंदोलनों और कलाओं पर प्रदर्शनी: नाटकों और झांकियों के जरिए ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, वीरता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन।
  • जागरूकता कियोस्क: सरकारी योजनाओं और महिला लाभार्थियों के बारे में जानकारी।
  • कलात्मक कार्यक्रम: रंगोली, पेंटिंग और आदिवासी कला और साहित्य को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाएं।
  • युवाओं के योगदान का उत्सव: माय भारत पोर्टल और एनवायकेएस उपलब्धियां दर्शाना।
  • आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि: प्रतिभागी आदिवासी हस्तियों की वेशभूषा में होंगे।
  • आदिवासी उत्कृष्टता को प्रमुखसम्मान: पद्म पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना।
  • आदिवासी भोजन: स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के आदिवासी खाद्य पदार्थ परोसना।
Suraj Makkad

Editor in Chief

Suraj Makkad

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button