छत्तीसगढ़

दंतेवाड़ा-नारायणपुर मुठभेड़ में 38 नक्सली मारे गए थे : पुलिस

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा है कि चार अक्टूबर को राज्य के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सीमा पर हुई मुठभेड़ में 38 नक्सली मारे गए थे। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के बाद 31 नक्सलियों के शव बरामद किए थे और माओवादियों ने स्वीकार किया है कि मुठभेड़ में सात अन्य नक्सलियों की भी मौत हुई। उन्होंने कहा कि इस घटना में कुल 38 नक्सली मारे गए थे।

उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए सभी 38 नक्सलियों की पहचान कर ली गई है और उन सभी पर सामूहिक रूप से 2.62 करोड़ रुपये का इनाम था। सुरक्षाबलों ने चार अक्टूबर को नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर थुलथुली और नेंदुर गांवों के बीच जंगल में अबूझमाड़ क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद 31 नक्सलियों के शव और हथियारों का जखीरा बरामद किया था। इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का संयुक्त दल शामिल था।

दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने शुक्रवार को बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के पूर्वी बस्तर डिवीजन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की है कि उस मुठभेड़ में सात और नक्सली मारे गए थे तथा वे गोलीबारी के दौरान शवों को अपने साथ ले जाने में सफल रहे।

राय ने बताया कि इस स्वीकारोक्ति के साथ ही मुठभेड़ में मारे गए कुल 38 नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। इनमें से नीति उर्फ उर्मिला, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की महिला सदस्य थी और उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था।

उन्होंने बताया कि राज्य में इस वर्ष सुरक्षार्किमयों के साथ मुठभेड़ में डीकेएसजेडसी के चार सदस्यों की मौत हो गयी। मृतकों में नंदू मंडावी भी शामिल था जो माओवादियों के पश्चिमी बस्तर डिवीजन का कमांडर था। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मारे गए शेष कैडरों में से 22 पर आठ-आठ लाख रुपये, नौ पर पांच-पांच लाख रुपये और तीन पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था। अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सली पुलिस के साथ मुठभेड़ की 61 घटनाओं, पुलिस शिविर पर हमले की 11 घटनाओं, बारूदी सुरंग विस्फोट की 17 घटनाओं, आगजनी की नौ और मतदान केंद्र पर हमले की तीन घटनाओं में शामिल थे। राय ने बताया कि मुठभेड़ के बाद सुरक्षार्किमयों द्वारा बरामद 31 शवों में से 29 शव उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए हैं।

Shreyansh baid

Editor in Chief

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