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तुम्हारा अंत निकट है, सरेंडर कर दो; नेतन्याहू ने अब हमास को दिया आखिरी विकल्प…

गाजा पट्टी में इजरायल नई तकनीकों के साथ हमास आतंकियों पर कहर बनकर टूट रहा है।

कई मोर्चों पर उसकी सेनाओं को आराम देते हुए एआई टूल्स की मदद से हमास के गुप्त ठिकानों को टारगेट किया जा रहा है।

इस बीच इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को हमास के कार्यकर्ताओं को आखिरी विकल्प देते हुए कहा कि वे उनके सामने आत्मसमर्पण कर लें क्योंकि फिलिस्तीनी आतंकी समूह का अंत निकट है।

नेतन्याहू का यह बयान तब सामने आया है जब हमास ने इजरायल की खुली धमकी देते हुए कहा था कि बिना उसकी शर्त माने वो अपने बंधकों को जिंदा हमसे नहीं ले जा सकता।

इजरायल और हमास के बीच दो महीने से चल रही जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। हजारों कत्लेआम और खून-खराबे के बावजूद न इजरायली सेना ने कदम पीछे हटाए हैं और न ही हमास ने घुटने टेके हैं।

गाजा पट्टी में चल रहा नरसंहार दुनिया की चिंता बढ़ा रहा है। कुछ दिन पहले डब्ल्यूएचओ ने एक रिपोर्ट में कहा था कि हर 10 में से 9 गाजावासी को भरपेट खाना नहीं मिल पा रहा है, यह बेहद चिंताजनक है।

इस युद्ध में अकेले गाजा से मरने वालों की संख्या 16 हजार से ज्यादा है, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

नेतन्याहू ने दिया आत्मसमर्पण का विकल्प 
नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, “युद्ध अभी भी जारी है लेकिन यह हमास के अंत की शुरुआत है। मैं हमास के आतंकवादियों से कहना चाहता हूं कि याह्या सिनवार के लिए मरना बंद करो।

अब आत्मसमर्पण कर लो।” सिनवार गाजा पट्टी में हमास के प्रमुख है। नेतन्याहू ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में दर्जनों हमास आतंकवादियों ने हमारी सेना के सामने आत्मसमर्पण किया है।”

सरेंडर को हमास ने अफवाह कहा
हालांकि, सेना ने हमास के आत्मसमर्पण करने का सबूत जारी नहीं किया है और हमास ने ऐसे दावों को खारिज कर दिया है। लगभग एक महीने पहले, इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा था कि हमास ने गाजा पर “नियंत्रण खो दिया” है।

हमास की इजरायल को खुली चेतावनी
इधर, नेतन्याहू ने रविवार को हमास से आत्मसमर्पण करने का आखिरी विकल्प दिया है तो दूसरी तरफ हमास आतंकियों ने इजरायल से दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर वो उनकी सभी शर्तें मान लेता है तभी वे बंधकों को रिहा करेंगे।

यह भी कहा कि अगर इजरायल ने शर्त नहीं मानी तो उसके एक बंधक जिंदा नहीं बच पाएंगे।

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

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