छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट ने शासन से पूछा : स्कूलों में शिक्षकों की कमी कब तक होगी दूर

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर करने भर्ती कब तक होगी, राज्य शासन को यह बताने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इसके लिए चल रही प्रकिया की जानकारी भी मांगी है। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से वर्तमान की गई व्यवस्था की जानकारी दी गई। अगली सुनवाई अक्टूबर में रखी गई है। राजनाद‌गांव के डीईओ द्वारा छात्राओं से दुर्व्यवहार और जेल भेजने की धमकी मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई।

शासन की ओर से बताया गया कि दूरस्थ अंचल के 55 स्कूलों में अन्य स्कूलों से शिक्षकों का समायोजन किया गया है। बाकी स्कूलों में भी नियुक्ति प्रक्रिया की जा रही है। इस पर कोर्ट ने स्कूलों में शिक्षको की नियुक्ति कब तक हो जाएगी, यह बताने के निर्देश दिए।

रविवि ने दो विद्यार्थियों के लिए रखी परीक्षा, दोनों ही हो गए फेल 

पं. रविशंकर शुक्ल विवि कोरोना काल से छात्रों के प्रदर्शन को लेकर हताश हो गया है। होम साइंस जैसे अपेक्षाकृत आसान माने जाने वाले विषयों में भी दूसरे अवसर में छात्र फेल हो रहे हैं। रविवि द्वारा सोमवार को बीएससी होमसाइंस तीनों वर्ष के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए। प्रथम वर्ष की पूरक परीक्षा रविवि ने सिर्फ 2 छात्रों के लिए आयोजित की थी, वे भी फेल हो गए। द्वितीय वर्ष की परीक्षा 7 छात्रों के लिए रखी गई थी। इनमें से 6 उत्तीर्ण रहे, जबकि एक को पुनः पूरक श्रेणी में रखना पड़ा।

इसके अलावा तृतीय वर्ष की परीक्षा 9 छात्रों के लिए आयोजित की गई थी। इनमें से 6 ही पास हो सके। शेष 3 फिर से पूरक श्रेणी में आ गए हैं। जो छात्र परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके, उनके लिए रविवि द्वारा फिर से पूरक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। रविवि द्वारा मौजूदा सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। पुराने पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए उसी पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा लेना अनिवार्य है। ऐसे में रविवि को नए और पुराने दोनों ही पैटर्न पर परीक्षाएं लेनी होगी। प्रश्नपत्र सेट करने से लेकर अन्य चीजों में भी इससे लागत दोगुनी हो जाएगी।

Shreyansh baid

Editor in Chief

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