Breaking News

सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या 2 अक्टूबर को: जिन पूर्वजों की मृत्यु तिथि नहीं मालूम है और जिनका श्राद्ध करना भूल गए हैं, उनके लिए 2 अक्टूबर को करें धूप-ध्यान

अभी पितृ पक्ष चल रहा है और इस पक्ष की अंतिम तिथि यानी सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या 2 अक्टूबर (बुधवार) को है। इस तिथि का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि इस दिन किए गए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण से घर-परिवार के सभी पितरों को तृप्ति मिल सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, पितृ पक्ष में जाने-अनजाने सभी पूर्वजों के लिए धूप-ध्यान करना चाहिए। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में घर-परिवार के पूर्वजों की आत्माएं अपने वंशजों के घर पहुंचती हैं और इन दिनों में किए गए श्राद्ध कर्म से तृप्त होकर अपने धाम पितृ लोक लौट जाती है। पितर देव तृप्त होते हैं तो अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। पितरों की कृपा से हमारी सभी समस्याएं खत्म होती है और जीवन में शांति बनी रहती है।

जो लोग अपने पितरों के लिए धूप-ध्यान नहीं करते हैं, उनके पितर अतृप्त और दुखी रहते हैं। दुखी पितर अपने वंशजों को शाप देते हैं, इनके शाप की वजह से कुंडली में पितृ दोष बढ़ता है और किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है। ऐसी परेशानियों से बचने के लिए हमें अपने पितरों को याद करते हुए उनके नाम से धूप-ध्यान, पिंडदान, तर्पण और दान-पुण्य करना चाहिए।

पितरों की मृत्यु तिथि मालूम न हो तो क्या करें?

अगर घर-परिवार के पूर्वजों की मृत्यु तिथि मालूम न हो तो हमें पितृ पक्ष की सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या तिथि पर जाने-अनजाने सभी पितरों के लिए धूप-ध्यान, पिंडदान और तर्पण आदि धर्म-कर्म करना चाहिए। इस तिथि उन मृत लोगों के लिए भी श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु पर किसी वजह से श्राद्ध कर्म करना भूल गए हैं।

Suraj Makkad

Editor in Chief

Suraj Makkad

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button