छत्तीसगढ़

देवेंद्र यादव की जमानत पर अब 4 अक्टूबर को सुनवाई: कोर्ट से रायपुर सेंट्रल जेल ले गई पुलिस; 10 साल पुराने मामले में थी पेशी

 रायपुर/ छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है। अब सुनवाई 4 अक्टूबर को होगी। पुलिस विधायक देवेंद्र को 10 साल पुराने मामले में कोर्ट में पेश करने लाई थी। अब उन्हें वापस जेल ले जाया गया है। दरअसल, रायपुर में 2013 में NSUI के प्रदर्शन के दौरान चक्काजाम किया था। इसी केस को लेकर देवेंद्र यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। वहीं मंगलवार (24 सितंबर) को कोयला घोटाला मामले में यादव की ओर से ED कोर्ट में पेशी और जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।

30 सितंबर तक न्यायिक रिमांड में हैं देवेंद्र

इसके पहले मंगलवार 17 सितंबर को बलौदाबाजार कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें विधायक देवेंद्र यादव कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे। पुलिस ने देवेंद्र यादव की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद 30 सितंबर तक न्यायिक रिमांड बढ़ाई थी।

वहीं इस मामले में यादव की ओर से जमानत याचिका भी लगाई गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

17 अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी

17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तारी हुई, इसके बाद से लगातार न्यायिक रिमांड बढ़ी। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का तर्क है कि, विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के चलते केस के प्रोग्रेस में देरी हो रही है। जिस पर देवेंद्र ने वकील ने कहा कि मोबाइल जमा कर दिया गया था। डीवीआर कॉपी करने के बाद पुलिस ने वापस लौटाया।

देवेंद्र पर भीड़ को उकसाने का आरोप

विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी।

वहीं बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास देवेंद्र के खिलाफ गवाह हैं। कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है।

Shreyansh baid

Editor in Chief

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