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68 मूल्यांकनकर्ताओं पर गिरी गाज:माशिमं ने 3 से 5 साल तक के लिए किया ब्लैक लिस्ट, एनुअल इन्क्रीमेंट पर भी पड़ेगा असर

रायपुर/ छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आंसर शीट के मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले 68 शिक्षकों को को माशिमं ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है। इसके साथ ही इन शिक्षकों के एनुअल इन्क्रीमेंट पर भी इसका असर पड़ेगा। कुछ 68 शिक्षकों में से 61 शिक्षक तीन साल और 7 शिक्षक पांच साल के लिए मंडल के कार्यों से वंचित किया गया है।

10 हजार से ज्यादा किए गए थे आवेदन

प्रदेश भर से लगभग 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था। पुनर्गणना में मूल्यांकनकर्ता ने दिए गए अंकों की पुनः गणना की। इसी तरह पुनर्मूल्यांकन के तहत दो विषय विशेषज्ञों ने उत्तरपुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन किया गया।

12वीं में 50 से अधिक अंक बढ़े

दोबारा मूल्यांकन कराने पर छात्रों के अंकों में 20 से लेकर 50 अंक से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई। सबसे ज्यादा नंबर की बढ़ोतरी हिन्दी विषय की उत्तरपुस्तिकाओं में हुई है। माशिमं ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए 20 अंक से अधिक वृद्धि होने की स्थिति में मूल्यांकनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

सबसे ज्यादा शिक्षक हिंदी के

61 शिक्षकों के किए गए मूल्यांकन में दोबारा जांच कराए जाने पर उत्तरपुस्तिकाओं में 20 से 40 सबसे ज्यादा अंकवृद्धि हिन्दी में अंक बढ़े हैं। इनमें सबसे ज्यादा 12 शिक्षक हिन्दी विषय के हैं। इसके अलावा अंग्रेजी 8. इतिहास 1, भूगोल 3. राजनीति विज्ञान भौतिक 5, रसायन 7, जीव विज्ञान 7, लेखाशास्त्र 1, व्यवसाय अध्ययन 2, अर्थशास्व 6, फसल उत्पादन ।

पशुपालन विषय के 2 शिक्षक हैं। वहीं 3 शिक्षक हिन्दी, लेखाशास्व और अर्थशास्त्र के हैं, उनकी उत्तरपुस्तिकाओं में 49 अंक और इतिहास, व्यवसाय अध्ययन, अर्थशास्त्र एवं कृषि विज्ञान के तत्व एवं गणित विषय के 4 शिक्षकों द्वारा किए गए मूल्यांकन की दोबारा जांच कराने पर 50 अंक से भी अधिक अंक की वृद्धि हुई है।

4284 बच्चों के परिणाम बदले

पहली मुख्य परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद प्राप्तांकों से संतुष्ट नहीं होने पर पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन कराने की व्यवस्था है। कक्षा 12वीं में 10960 विद्यार्थियों ने 10960 विद्यार्थियों ने पुनर्गणना और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किए थे। इनमें से कुछ विद्यार्थियों ने उत्तरपुस्तिका की फोटोकॉपी भी मांगी थी।

पुनर्गणना कराने पर 153 बच्चों के अंकों में बढ़ोत्तरी हुई। वहीं दो विषय विशेषज्ञों से 9876 बच्चों की उत्तरपुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन कराया गया तो 4284 बच्चों के परिणाम बदल गए।

Shreyansh baid

Editor in Chief

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