छत्तीसगढ़

जांच के नाम पर चल रहा बड़ा खेल:5 साल में मिलावट और अमानक के 219 प्रकरण पेश इनमें 50 हजार तक ही हुआ जुर्माना, सजा किसी को नहीं

रायपुर/ बाजारों में बिक रही खाने-पीने की मिलावटी और असु​रक्षित चीजों की जांच के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। वैसे तो खाद्य अधिनियम के तहत मिलावटी और असुरक्षित चीजें बेचने वालों के खिलाफ 50 हजार से 10 लाख तक जुर्माना और 2 माह से आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

किसी की मौत होने पर आजीवन कारावास तक की सजा दी जा सकती है। लेकिन पिछले पांच साल में किसी भी मिलावटी कारोबारी पर तगड़ा जुर्माना नहीं किया और न ही सजा दी गई। रायपुर में पिछले पांच साल में केवल 219 केस ही पेश किए गए। इसमें भी अधिकतम 50 हजार ही जुर्माना हुआ है।

ऐसा क्यों? इसकी पड़ताल करने पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जिस कानून के तहत भारी जुर्माना और जेल हो सकती है, उसके तहत सैंपल ही नहीं लिए जा रहे हैं। फूड इंस्पेक्टरों को खाने-पीने की मिलावटी चीजों की जांच के लिए दो तरह से सैंपल लेने का अधिकार है। लीगल यानी कानूनी और सर्विलांस यानी निगरानी सैंपल।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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