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नेवई थाना क्षेत्र में रिटायर्ड सहायक कमांडेंट ने गूगल में डाला था नंबर, फोन आया और अधिकारी बनकर ऐंठ लिए पैसे…

दुर्ग जिले में भारत पेट्रोलियम की गैस एजेंसी दिलाने के नाम पर रिटायर्ड सहायक कमांडेंट से लाखों रुपए की ठगी हुई है।

नेवई थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा के मुताबिक सीआईएसएफ के रिटायर्ड सहायक कमांडेंट एनके टोप्पो ने बताया कि उज्जवला योजना के तहत गैस एजेंसी खोलने के लिए उन्होंने गूगल में अपना मोबाइल नंबर और ईमेल अपडेट किया था।

कुछ समय बाद उनके मोबाइल नंबर पर अभिनव पाटिल नाम के व्यक्ति ने फोन किया। उसने अपने आपको भारत पेट्रोलियम का अधिकारी बताया। उससे उनके सहायक सुशांत पाढी और अभिनव मंडल ने भी फोन किया। सुशांत ने खुद को नोडल ऑफिसर और एरिया मैनेजर होना बताया तो वहीं अभिनव मंडल ने अपने आपको एलपीजी डीलर बताया।

मेल पर मंगवाए दस्तावेज

उन लोगों ने उन्हें भारत पेट्रोलियम की गैस एजेंसी दिलाने का दावा किया। एनके टोप्पो भी एजेंसी लेने के लिए राजी हो गए। इसके बाद उन लोगों ने उनके मेल पर कुछ फर्जी दस्तावेज भेजे और उसे फिलअप करवाकर मंगवाया। इसके बाद धीरे-धीरे करके रजिस्ट्रेशन, सर्टिफिकेशन, लाइसेंस, एग्रीमेंट, इंशोरेंस, एनओसी और सिक्यूरिटी डिपाजिट के नाम पर 7 लाख 54 हजार रुपए ले लिए।

जब टोप्पो को ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने आरोपियों से अपने पैसे रिटर्न मांगे। इस पर उन्होंने उनका फोन ही उठाना बंद कर दिया। टोप्पो को ठगी का अहसास हुआ और उसने नेवई थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

धीरे-धीरे कर मंगाई खाते में रकम

एनके टोप्पो आशीष नगर पश्चिम रिसाली में रहते हैं। उन्होंने बताया कि वो लोग काफी शातिर हैं। किसी भी तरह का शक न हो इसके लिए उन्होंने पहले अपने पास जमीन के दस्तावेज, पैन कार्ड, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और अन्य डाक्यूमेंट्स को अपने मेल पर मंगाया। टेंडर डाले जाने की बात कहकर भारत गैस एजेंसी से एक फर्जी अप्रूवल लेटर भी मेल किया।

जब टोप्पो को यकीन हो गया तो उन लोगों ने सबसे पहले 15500 रुपए डाक्यूमेंट्स प्रोसेस के लिए भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अकाउंट में मंगाए। इसके बाद रजिस्ट्रेशन और अन्य प्रोसेस के नाम पर 97500 रुपए, 4 लाख 92500 रुपए और एक लाख 18500 रुपए अलग-अलग किस्तों में लिया।

घर टीम भेजी और साइट विजिट भी कराया

ठग इतने सातिर थे कि टोप्पो से पैसे ऐंठने के लिए उन्होंने एक टीम को तीन लोगों की टीम को उनके घर तक भेज दिया। भेजी गई फर्जी टीम ने भिलाई आकर एरिया का निरीक्षण भी किया। इसके बाद अप्रूवल देने की बात करते हुए एनओसी और अन्य दस्तावेज भेजने की बात कही। उसके बाद 24 सितंबर 2023 से उन लोगों का मोबाइल नंबर बंद आने लगा।

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

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