Breaking News

सोने में हो रही है समस्या तो तकियों में करें बदलाव, बेहतर नींद के लिए इन बातों का रखें विशेष ध्यान

एक अच्छा और आरामदायक तकिया ना सिर्फ हमारी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सहारा देता है बल्कि उन्हें एक सीध में रखने में भी मदद करता है। जब हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी होती है तो यह मांसपेशियों को आराम देती है और इससे बेहतर नींद आती है। चूंकि नींद से जुड़ी कई समस्याएं, सोते समय हमारी रीढ़ की हड्डी की खराब स्थिति के कारण होती हैं, इसलिए सही तकिया बेहतर नींद में बहुत सहायक होता है।

ऐसा हो तकिया
अगर तकिया सही ना हो तो अच्छी नींद नहीं आती है और इससे कई दर्द शुरू हो जाते हैं। सही तकिया हमारे सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक तटस्थ सीध में रखता है। यह हमारी रीढ़ की हड्डी की प्राकृतिक वक्रता के अनुकूल होता है। ऐसे तकिए से गर्दन में दर्द नहीं होता और पूरे शरीर को आराम मिलता है। तकिए को बहुत मुलायम नहीं होना चाहिए कि उस पर सिर रखते ही सिर तकिए के नीचे पलंग को छूने लगे।

तकिया बहुत ऊंचा भी नहीं होना चाहिए और कड़ा तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इस तरह एक आरामदायक तकिया मध्यम ऊंचाई का और इतना मुलायम होता है कि सिर रखें तो सिर करीब एक आधा इंच धंस जाए। जब हम करवट लेकर सोना चाहें तो यह तकिया सहारा दे और पीठ के बल लेटने पर उथलापन महसूस कराए।

रखें ध्यान
सपाट तकिए बहुत आरामदायक नहीं होते हैं। तकिया थोड़ा बिस्तर से ऊंचा ही होना चाहिए ताकि हमारे शरीर को शरीर के बाकी हिस्से से थोड़ा ऊंचा रखे। जो लोग पीठ के बल सोते हैं, उनके लिए तो तकिया बहुत अनिवार्य है। क्योंकि ये तकिया उनकी गर्दन और सिर को सहारा देता है। जो लोग पीठ के बल सोते हैं, उन्हें हमेशा मध्य आकार का मोटा तकिया लगाना चाहिए, जो बहुत भरा ना हो, सपाट भी ना हो। छोटे या बड़े जिस भी तरह के तकिए में आप बेहतर महसूस करें, वही तकिया लगाकर सोएं।

जो लोग करवट लेकर सोते हैं, उनके लिए मोटा और मुलायम तकिया अनुकूल हो सकता है। जबकि जो लोग पीठ और पेट के बल सोते हैं, उनके लिए पतले तकिये ज्यादा आरामदायक होते हैं। तकिया चुनते समय अपने शरीर के आकार प्रकार का भी ध्यान रखें। यदि आप छोटे कद के हों तो आपका तकिया भी छोटा होना चाहिए। लेकिन अगर आप बड़े कद के हों तो आपका तकिया भी बड़ा होना चाहिए। एक मानक तकिए का आकार अमूमन 20 इंच चौड़ा और 26 इंच लंबा होना चाहिए।
Suraj Makkad

Editor in Chief

Suraj Makkad

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button