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तय है कमलनाथ की विदाई? कांग्रेस में भी होने लगा विरोध; मल्लिकार्जुन खरगे ने दिए संकेत…

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की करारी हार हुई है।

अब खबर है परिणामों के चलते प्रदेश अध्यक्ष और दिग्गज नेता कमलनाथ पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।

कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो ये संकेत दे दिए हैं कि पार्टी के कई नेता नहीं चाहते कि कमलनाथ प्रदेश की कमान संभालें। हालांकि, पहले ही संभावनाएं जताई जाने लगी थीं कि 77 वर्षीय नेता जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं।

मामले के जानकार लोग बता रहे हैं कि खरगे ने भी एमपी में कांग्रेस के प्रदर्शन पर निराशा जाहिर की है। जानकारों के मुताबिक, मंगलवार के ही नाथ ने खरगे और वायनाड सांसद राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात की है।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता बताते हैं कि बैठक के दौरान खरगे ने कहा कि पार्टी में एक आम राय बन रही है कि अब कमलनाथ को एमपी प्रमुख के पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

नाम न छापने की शर्त पर एक नेता ने कहा, ‘अब यह देखा जाना बाकी है कि वह अभी इस्तीफा देते हैं या इसमें कुछ समय लगेगा।

लेकिन आलाकमान ने साफ कर दिया है कि उन्हें पद छोड़ना ही होगा।’ खास बात है कि कांग्रेस का यह एक दशक में सबसे खराब प्रदर्शन है। पार्टी 230 में से महज 66 सीटें ही अपने नाम कर सकी थी। जबकि, 2018 में चुनाव गंवाने वाली भारतीय जनता पार्टी के खाते में 163 सीटें आईं।

क्यों हारी कांग्रेस?
कांग्रेस के कई केंद्रीय और प्रदेश स्तर के नेता पार्टी के प्रचार अभियान पर भी सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि प्रदेश में ज्यादा समय व्यक्तिगत टिप्पणियों में ही निकल गया।

नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘कांग्रेस ने महिलाओं के लिए, छात्रों को मुफ्त शिक्षा जैसी कई घोषणाएं की, जिनका हमें फायदा रहो सकता है। ऐसा लगता है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने नकारात्मक प्रचार पर ज्यादा समय बिताया।’

अब एक नेता का कहना है कि एमपी में कुछ जवाबदेही होनी चाहिए। जबकि, एक का तर्क था कि राज्य में युवा नेतृत्व को बढ़ावा मिलना चाहिए। वह इसके लिए तेलंगाना का हवाला देते हैं।

2014 में गठन के बाद तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (पहले टीआरएस) ने पहली बार सत्ता गंवाई है। दक्षिण भारतीय राज्य में कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल की। यहां रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।

Yogesh Bansal

Editor in Chief

Yogesh Bansal

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