तीन दिन देश के गृहमंत्री रायपुर में रहेंगे: नक्सलवाद के खात्मे पर बड़ी बैठक लेंगे अमित शाह; NCB दफ्तर का उद्घाटन भी करेंगे
रायपुर/ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज से तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे। आज रात करीब 10:00 बजे वे रायपुर पहुंचेंगे। BSF या वायु सेना के विशेष विमान से शाह आएंगे। रायपुर में केंद्रीय गृहमंत्री 3 दिन बिताएंगे। अमित शाह का ये दौरा इस वजह से भी अहम है क्योंकि रायपुर में बैठकर वो देश से नक्सलवाद के खात्मे पर एक हाईप्रोफाइल बैठक लेंगे। रायपुर में अमित शाह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के ऑफिस का उद्घाटन भी करेंगे। वो 25 अगस्त की दोपहर रायपुर से लौटेंगे।
अमित शाह के साथ गृह मंत्रालय के आला अफसर भी रायपुर पहुंच रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री तीन दिन तक रायपुर में ही रहेंगे। शाह विभाग की हर छोटी-बड़ी अपडेट रायपुर से ही लेंगे। आस-पास के राज्यों में नक्सल मूवमेंट की रिपोर्ट भी अफसरों से गृह मंत्री लेने वाले हैं। छत्तीसगढ़ के डीजीपी भी इसे लेकर रिपोर्ट तैयार करके बैठे हैं, जिसका प्रेजेंटेशन अमित शाह की मीटिंग में होगा।
ऐसा है कार्यक्रम
अमित शाह 23 से 25 अगस्त तक रायपुर में रहेंगे। वो नवा रायपुर के एक रिजॉर्ट में रुकेंगे। गृहमंत्री 24 अगस्त 2024 को सुबह चम्पारण में महाप्रभु वल्लभाचार्य आश्रम का दौरा करेंगे । इसके बाद, इसी दिन सुबह 11:30 बजे होटल में छत्तीसगढ़ एवं पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिव और DGP के साथ अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक में शामिल होंगे । इस बैठक के बाद दोपहर 2:30 बजे छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास संबंधी बैठक में सम्मिलित होंगे । केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह 25 अगस्त 2024 को सुबह 10:30 बजे एन.सी.बी. ऑफिस, रायपुर का उद्घाटन करेंगे और समीक्षा बैठक में भाग लेंगे । इसके बाद होटल मेफेयर, रायपुर में दोपहर 01:30 बजे छत्तीसगढ़ में सहकारिता के विस्तार से संबंधित बैठक में शामिल होंगे । इस बीच वो प्रदेश के भाजपा नेताओं और मंत्रियों से सरकार और संगठन के काम-काज का ब्योरा लेंगे।
इन राज्यों के पुलिस प्रमुख होंगे शामिल
अंतर-राज्यीय समन्वय बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के अलावा केंद्र सरकार के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के भी शामिल होने की उम्मीद है। इन प्रदेशों के आपसी कोऑर्डिनेशन से नक्सलियों को खत्म करने, उन प्रदेशों में योजनाएं चलाने पर मीटिंग में बात होगी।
हिंसा प्रभावित जिलों में कमी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं की संख्या 2004 से 2014 के दशक में 14,862 थी जो 2014 से 2023 के बीच घटकर 7,128 रह गई। वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या में 72 प्रतिशत की कमी आई है। 2004 से 2014 की अवधि में 1,750 सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी जो 2014 से 2023 के बीच घटकर 485 हो गई है। साल 2010 में हिंसा प्रभावित जिलों की संख्या 96 थी जिसमें 53 प्रतिशत कमी आई है और 2022 में यह घटकर 45 रह गए हैं।
छत्तीसगढ़ में मौजूदा स्थिति
प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा के मुताबिक प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बेहतर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या नक्सलवाद है। उस पर 6 महीने में ही हमने जो काम किया है वो कांग्रेस सरकार के साल भर के आंकड़ों से ज्यादा है। 6 महीने में ही अलग-अलग मुठभेड़ में 150 के करीब नक्सली मारे गए। बड़ी संख्या में सरेंडर और गिरफ्तारियां हुई हैं।