छत्तीसगढ़

डोंगरगांव नपं अध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग, जैन समाज का चक्काजाम

राजनांदगांव। डोंगरगांव नगर पंचायत के अध्यक्ष हीरा निषाद की जैन समाज को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर जैन समुदाय और व्यापारियों ने भारत बंद के दौरान चक्काजाम कर दिया। बताया जा रहा है कि बुधवार सुबह भारत बंद समर्थन में दुकानें बंद कराने निकले अध्यक्ष निषाद की व्यापारियों से नोक-झोंक हुई। वहीं उन्होंने जैन समाज के द्वारा बंद को समर्थन नहीं देने पर कथित तौर पर महावीर जयंती पर्व में मास-मदिरा की दुकानें खुलने की चेतावनी दी।

बताया जा रहा है कि पूरा विवाद भारत बंद के दौरान दुकानें चला रहे व्यापारियों और जैन समाज के लोगों से सहयोग नहीं करने के कारण विवाद उपजा।
इधर, समाज ने कथित टिप्पणियों के खिलाफ सुबह 9 बजे से चक्काजाम कर दिया। राजनांदगांव-मोहला-मानपुर स्टेट हाईवे में आवाजाही बंद रही। सकल जैन समाज ने डोंगरगांव एसडीएम को एक ज्ञापन देकर अध्यक्ष निषाद की गिरफ्तारी की मांग की।

सकल जैन समाज का दावा है कि अध्यक्ष निषाद द्वारा जैन समाज के देवताओं और पारंपरिक त्यौहारों पर की गई अभद्र टिप्पणी पर कार्रवाई नहीं करने पर प्रदर्शन समूचे राज्य में किया जाएगा।
समाज का आरोप है कि अध्यक्ष ने महावीर जयंती के समय मांस-मदिरा दुकानों के सामने मांस फेंकने के अलावा अन्य टिप्पणी की। इससे समाज बुरी तरह से आहत है।

चक्काजाम के चलते यात्री बसों को सर्वाधिक परेशानी हुई। वहीं अन्य वाहनों को रास्ता बदलकर अपने गंतव्य की ओर जाना पड़ा। समाचार लिखे जाने तक चक्काजाम जारी था।

लगी रही लंबी लाईनें

जैन समाज और व्यापारियों द्वारा भारत बंद के दौरान चक्काजाम करने से राजनांदगांव-मोहला-मानपुर मार्ग में वाहनों की लंबी लाईनें लगी रही। इस चक्काजाम के चलते दोनों ओर की वाहनों का आवागमन बंद होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ी रही। वहीं यात्रियों को इस चक्काजाम के चलते हलाकान होना पड़ा। चक्काजाम की खबर मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने चक्काजाम कर रहे लोगों को समझाईश देकर प्रदर्शन को शांत कराने की कोशिश चलती रही।

आरोप बेबुनियाद – निषाद

डोंगरगांव नगर पंचायत अध्यक्ष हीरा निषाद ने जैन समाज को लेकर की गई टिप्पणी को पूरी तरह से निराधार बताते कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश की गई है। उनकी ओर से भारत बंद को समर्थन दिया गया था, इसलिए उन्होंने बंद के लिए सभी से सहयोग मांगते आग्रह कर रहे थे। राजनीतिक तौर पर इस मामले को दूसरे दिशा में मोड़ दिया गया। वह सभी धर्म का सम्मान करते हैं। उन पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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