150 प्लांट आज से बंद: बिजली की बढ़ी दरों के विरोध में फैक्ट्री की भटि्टयां बंद,2 लाख लोगों पर असर, पूर्व CM से मिलेंगे उद्योगपति
रायपुर/ मंगलवार को 150 मिनी स्टील प्लांट बंद किए जा रहे हैं। सुबह से ही फैक्ट्रीज की भटि्टयां बंद कर दी गई हैं। अब ये प्लांट बंद ही रहेंगे। प्रदेश के कारोबारियों और सरकार के बीच कोई हल नहीं निकला। कारोबारी बिजली की 25 प्रतिशत बढ़ी हुई दरों का विरोध कर रहे हैं।
रायपुर के जेल रोड स्थित एक होटल में छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन की बैठक हुई थी। उद्योगपतियों ने तय किया था कि मंगलवार से काम बंद कर देंगे। यही हुआ। अब सभी कारोबारी प्रदेश के पूर्व CM भूपेश बघेल और डॉ रमन सिंह से मुलाकात करेंगे। कारोबारी इस कोशिश में हैं कि मौजूदा सरकार पर दबाव बने और बिजली की बढ़ी दरों को वापस लिया जाए।
6.10 से बढ़ाकर 7.62 रुपए हुए बिजली के दाम
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नचरानी ने बताया कि मिनी स्टील प्लांट में सबसे ज्यादा बिजली कंज्यूम होती है। हम राजस्व के रुप में हजारों करोड़ सरकार को देते हैं। पहले जो बिजली हमें 6.10 रुपए में मिलती थी, अब 7 रुपए 62 पैसे में मिल रही है। पहले हमारे प्लांट का बिल 5 करोड़ आता था तो अब 6 करोड़ आ रहा है। 10 करोड़ के बिल वालों को साढ़े 12 करोड़ का बिल आ रहा है।
नचरानी का कहना है कि इस उद्योग में इतनी मार्जिन नहीं है। इतनी बड़ी हाइक को ये इंडस्ट्री झेल नहीं सकती। हमारे लिए प्लांट चलाना मुश्किल हो रहा था। 15-20 दिनों से हम लगातार वार्ता कर रहे थे। मंत्री, CM, अफसरों से मिले मगर कोई नतीजा नहीं मिलने पर हमें प्लांट अब बंद करने पढ़ रहे हैं। 150 मिनी स्टील प्लांट है सभी बंद किए जा रहे हैं।
मजदूरों की हमें चिंता
एसोसिएशन की ओर से अनिल नचरानी ने बताया कि श्रमिकों की स्थिति सोचकर हमें घबराहट होती है। हम नहीं चाहते की उनका नुकसान हो। इस वजह से हम 4 गुना अधिक प्रयास कर रहे हैं कि सरकार से बात-चीत के बाद कोई हल निकले।
2 लाख जिंदगियों पर पड़ेगा असर
150 मिनी स्टील प्लांट बंद होने से इनमें काम करने वाले करीब 2 लाख कर्मचारियों की जिंदगी पर असर पड़ेगा। उद्योगों से लगभग डेढ़ लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जो ट्रांसपोर्टेशन और दूसरे कामों को करते हैं। उन पर भी उद्योग बंद होने से प्रभाव पड़ेगा। 300-400 रुपए रोजी पर मजदूरी करने वाले कामगारों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट पैदा हो सकता है।
उद्योगमंत्री ने लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ के उद्योगमंत्री लखनलाल देवांगन ने दैनिक भास्कर को बताया कि कारोबारियों बिजली की दर कम करने की मांग की थी। मगर ये निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कर सकते हैं। इसकी जानकारी पत्र लिखकर मैंने उन्हें दी है।
आम आदमी की जेब पर असर
लोहा, रोलिंग और स्टील फैक्ट्रियों के बंद होने की वजह से मकान बनाना महंगा हो जाएगा। पिछले पांच साल में सरिया की कीमत इस साल इसी महीने सबसे कम हुई थी। अभी फैक्ट्रियों में सरिया 49000 रुपये प्रति टन और रिटेल में 53,000 रुपये प्रति टन बिक रहा है। लेकिन हड़ताल के बाद यही सरिया 51 हजार से 55 हजार रुपए टन तक में बिकेगा। इससे मकान बनाने की लागत बढ़ जाएगी। इन्हीं फैक्ट्रीज के जरिए प्रोडक्ट तैयार होता है।