कोंडागांव में आयोजित नेशनल लोक अदालत में शामिल हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जयसवाल
कोंडागांव/ कोंडागांव में आयोजित नेशनल लोक अदालत के कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार जयसवाल ने समाज में शांति की स्थापना में न्याय की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत कार्यक्रम में शामिल श्री जयसवाल ने न्याय की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की और अदालती सुधारों के प्रति अपना समर्पण व्यक्त किया। कार्यक्रम की शुरुआत में न्यायमूर्ति संजय कुमार जयस्वाल ने न्याय के महत्व और उसकी आवश्यकताओं पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, न्याय व्यवस्था समाज की नींव होती है और इसका सुदृढ होना अत्यंत आवश्यक है। लोक अदालतें आम जनता को न्याय दिलाने का एक सशक्त माध्यम हैं और इससे अदालती मामलों का त्वरित समाधान संभव होता है। उन्होंने लोक अदालतों की भूमिका की प्रशंसा की और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव भी दिए।
न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लोक अदालतें न केवल विवादों को सुलझाने का एक साधन हैं, बल्कि यह समाज में शांति और स्थिरता लाने का एक महत्वपूर्ण उपकरण भी हैं। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी को न्याय सुलभ हो और अदालती प्रक्रियाएँ सरल और त्वरित हों। उन्होंने अदालती सुधारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और न्यायपालिका में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्र से आए विशेषज्ञ और कानूनी विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। उन्होंने लोक अदालत की प्रक्रिया और इसके प्रभावों पर अपने विचार साझा किए। कई विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि लोक अदालतें न केवल विवादों का समाधान करती हैं बल्कि समाज में न्याय के प्रति विश्वास को भी मजबूत करती हैं। कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा किया गया। जनता ने भी इस पहल की सराहना की और इसे सफल बनाने में अपना सहयोग देने का संकल्प लिया। कोंडागांव में आयोजित इस नेशनल लोक अदालत ने न्याय प्रणाली के प्रति आम जनता के विश्वास को और मजबूत किया है। इस प्रकार के आयोजनों से न केवल विवादों का त्वरित निपटारा होता है बल्कि समाज में न्याय और शांति की स्थापना भी होती है। इस अवसर पर आयोजित किए गए विभिन्न सत्रे में न्यायमूर्ति संजय कुमार जयसवाल और अन्य कानूनी विशेषज्ञों ने जनता को उनके अधिकारों और अदालती प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्याय की प्राप्ति सभी का अधिकार है और इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए। नेशनल लोक अदालत का यह कार्यक्रम कोंडागांव में न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।