छत्तीसगढ़

मानसून की बेरुखी से खेतों में दरारें: छत्तीसगढ़ के 46 बांधों में सिर्फ 31.27% पानी; धान रोपाई पर संकट, 5 दिन किसानों के लिए अहम

रायपुर/ 25 दिन पहले अच्छी बारिश की उम्मीद से खेत की जुताई की थी। धान की फसल के लिए नर्सरी भी तैयार कर ली, लेकिन अब रोपाई के लिए पानी ही नहीं है। खेतों में खरपतवार उग आई है। इसे हटाने के लिए फिर से जुताई और मताई करनी होगी।

यह कहना है धमतरी जिले के सिलतरा गांव में रहने वाले 65 साल के जागेश्वर देवांगन का। उनके पास खुद की जमीन नहीं है। वह दूसरों की 9 एकड़ खेत में रेगा (कॉन्ट्रैक्ट) के आधार पर खेती कर रहे हैं। इसके लिए खेत मालिक को प्रति एकड़ 13 क्विंटल धान देना पड़ता है। ऐसी ही चिंता गरियाबंद के मनोहर यादव, बेमेतरा के रवि साहू और अंबिकापुर के श्याम जायसवाल के चेहरे पर भी दिखाई दे रही है। उन्होंने अपने खेतों में धान की बुआई तो कर ली है, लेकिन अब पानी की कमी की वजह से हल्की दरारें दिखाई देने लगी है।

Shreyansh baid

Editor in Chief

Shreyansh baid

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button