छत्तीसगढ़

वरिष्ठता प्रभावित शिक्षकों की समस्याओं का होगा समाधान, मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार टोप्पो के प्रतिनिधित्व में छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर प्रदेश के 25000 से अधिक वरिष्ठता प्रभावित शिक्षक संवर्ग की समस्याओं को रखते हुए चर्चा सह निवेदन किया गया। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदेश में शिक्षा विभाग के अंतर्गत पदोन्नति हेतु वरिष्ठता निर्धारण में आ रही विसंगतियों को रखते हुए बताया गया कि शिक्षा विभाग में पदोन्नति संविलियन तिथि 01/07/2018 के आधार पर की जा रही है लेकिन इसके विपरीत वरिष्ठता की गणना पंचायत सेवा से विभाग में ली जा रही है। शिक्षा विभाग में पंचायत की वास्तविक वरिष्ठता को लेना ही विसंगति का कारण है। जबकि शिक्षकों का संविलियन सेवा के आधार पर नियुक्ति तिथि से किया गया जिसे वर्तमान में काल्पनिक वरिष्ठता मानते हुए पदोन्नति दी जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा न होने के कारण प्रदेश में हजारों की संख्या में संविलियन पूर्व/पश्चात स्थानांतरित व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक वरिष्ठ होते हुए भी कनिष्ठ बनकर पदोन्नति से वंचित होकर आत्मग्लानि का दंश झेल रहे हैं। वरिष्ठ शिक्षकों को छोड़ कनिष्ठ शिक्षकों को पदोन्नति देने से शासन को वित्तीय भार की अधिकता हो रही है। जबकि वरिष्ठ शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता देकर पदोन्नति दिया जाना वित्तीय भारमुक्त होगा। स्थानांतरण के कारण अपने ही विभाग में न्याय नहीं मिल पा रहा है। जिससे प्रदेश के शिक्षकों का एक बड़ा तबका वर्तमान वरिष्ठता निर्धारण से असंतुष्ट हैं। और सैकड़ों बार आवेदन-निवेदन कर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। प्रतिनिधियों के द्वारा हजारों प्रभावित शिक्षकों के हित और भविष्य को देखते हुए स्थानांतरित शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारण हेतु आवश्यक संशोधन कर सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप जल्द वरिष्ठता निर्धारण कराने का निवेदन किया गया है। ताकि एकरूपता आए और किसी का अहित न हो।माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी के द्वारा संगठन की बातों को गंभीरता से सुना गया और आश्वस्त किया कि किन्हीं के साथ अन्याय नहीं होगा। आपके इन समस्याओं के समाधान हेतु जरूर आप शिक्षकों के हित में आवश्यक विचार एवं निर्णय लेते कार्यवाही कराई जाएगी। चर्चा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा बताया गया कि वरिष्ठता प्रभावितों में सबसे ज्यादा महिलाओं की संख्या है। कारण यह है कि महिलाएं विवाह पूर्व नौकरी में आती हैं और मजबूर होकर इन्हें पारिवारिक दायित्वों के निर्वहन के लिए स्थानांतरण का सहारा लेना पड़ता है। असंगत वरिष्ठता निर्धारण से महिलाओं के सशक्तिकरण में बाधा उत्पन्न हो रही है। वर्तमान सरकार से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि पूर्व के कार्यकाल में इन्हीं के शासनकाल में पंचायत संवर्ग के लाखों शिक्षकों के असंभव से कार्य “संविलियन” को भी किया गया था। जिसके बाद ये समस्याएं निर्मित हुई हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार टोप्पो के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष ईश्वर बिषी, सह कोषाध्यक्ष बजरंग दास, जिलाध्यक्ष जशपुर जयसिंह पैंकरा, जिलाध्यक्ष कोरिया संजय देवांगन, जिलाध्यक्ष सूरजपुर संजय केसरी, जिलाध्यक्ष सरगुजा अशोक नायक, जिलाध्यक्ष बलरामपुर आकाश गुप्ता, सदस्य रवीन्द्र ओटी, केवल किस्पोट्टा, अनुराग लकड़ा, कुंदन साय के साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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