छत्तीसगढ़

यात्री गाड़ियों को किया रद्द: तीन माह में 212 यात्री ट्रेनों के 1076 फेरे रद्द, माल लदान में बनाया रिकॉर्ड

बिलासपुर/ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अफसर जिन 91 दिनों में माल ढुलाई का रिकॉर्ड बनाने में व्यस्त थे, तब ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की मुसीबत बढ़ गई थी। इस अवधि में 212 एक्सप्रेस, पैसेंजर और डेमू-मेमू ट्रेनों के 1076 फेरे रद्द कर दिए गए। 29 ट्रेनों के 103 फेरे आधे रास्ते में खत्म कर दिए गए। 42 ट्रेनों को बदले हुए रास्ते से चलाया गया। इसी अवधि में 16 ट्रेनें ऐसी थीं, जो घंटों देरी से अपने गंतव्य के लिए रवाना हुईं।

इनमें उन ट्रेनों के आंकड़े दर्ज नहीं हैं, जिन्हें बाद में री-स्टोर कर दिया गया था। इतनी बड़ी संख्या में ट्रेनें रद्द होने के कारण यात्रियों में हाहाकार की स्थिति थी। ऐसे भी मौके आए थे, जब रक्षाबंधन, तीजा और दिवाली के दौरान भी ट्रेनों को रद्द​ किया गया था, जबकि इस दौरान सबसे ज्यादा लोग ट्रेनों से आना-जाना करते हैं। देशभर में रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को यात्री सुविधाओं से सरोकार नहीं है। हाल ही में रेलवे ने तीन महीने में माल ढुलाई में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 47 मिलियन टन लदान का रिकॉर्ड बनाया है। यह पहली तिमाही में माल लदान का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पिछले साल 40 मिलियन टन माल ढुलाई की गई थी।

भास्कर ने जब इसी दौरान रेलवे द्वारा रद्द की गई ट्रेनों की जानकारी निकाली तो 1076 फेरे रद्द होने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। रेलवे का तर्क है कि इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े विकास कार्यों के लिए यात्री ट्रेनें रद्द की गईं। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस ट्रैक पर ​काम का बहाना बनाकर यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया, उसमें मालगाड़ियां कैसे चलाई गईं? रेलवे का पूरा ध्यान माल ढुलाई का लक्ष्य पूरा करने पर था। इस दौरान ट्रेनें नहीं चलने से कितने स्टूडेंट परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए, नौकरी के लिए नहीं जा सके, गर्मी की छुट्टियाें का प्लान रद्द हुआ… इसे लेकर रेलवे को कोई लेना-देना नहीं था।

Suraj Makkad

Editor in Chief

Suraj Makkad

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button