छत्तीसगढ़

अंतिम संस्कार से पहले कबूला अपराध: मासूम की हत्यारी मां गिरफ्तार, बेटा नहीं हुआ तो कुएं में फेंककर मार डाला

बिलासपुर/ 24 दिन की मासूम को कुएं में फेंकने वाली मां ही थी। बेटे की चाहत में जब तीसरी बेटी को जन्म दिया तो समाज और लोगों के तानों से बचने और मान सम्मान कम होने के डर से खुद ही नवजात को खत्म करने का प्लान बनाया। आधी रात जब सब सो रहे थे, तब मां हसीना गाेयल ने ही 9 महीने कोख में रखकर जिस फूल से बेटी को जन्म दिया था, उसे निष्ठुर होकर कुएं में फेंक दिया।

इसके बाद भूत-प्रेत द्वारा गायब करने का कहानी गढ़ती रही। मंगलवार को दिनभर थाने में बैठी रही, लेकिन जब अंतिम संस्कार के लिए अपने गांव किरारी पहुंची, तब परिजन और गांववालों के सामने फफककर कहा कि उसने ही बेटी को कुएं में फेंक दिया था। उस समय मस्तूरी थाने के स्टाफ भी वहां मौजूद थे।

अंतिम संस्कार के बाद उसे फिर से थाने ले जाया गया, जहां उसके बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। इसके बाद हसीना के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज किया गया है। बता दें कि 30 जून को रहस्यमयी ढंग से बच्ची के गायब होने की सूचना के बाद जब पुलिस सोमवार को अपनी जांच शुरू की, तब प्रारंभिक पूछताछ के बाद ही पूरा शक परिजन पर था। मंगलवार को शव मिलने के बाद पुलिस का शक पुख्ता हो गया।

पुलिस को शुरुआत से करती रही गुमराह
पुलिस का शक शुरू से ही बच्ची के माता-पिता और दादी पर था। इसी दिशा में पुलिस जांच कर रही थी। थाने में जब सबसे पूछताछ की जा रही थी, तब हसीना के मन में किसी तरह का दुख या पछतावे का भाव नहीं दिखा। उल्टे वह भूत-प्रेत की मनगढ़ंत कहानी सुनाकर सबको गुमराह करती रही। इससे पुलिस का शक गहराने लगा। पुलिस ने उसकी हरकतों पर नजर रखी। एक महिला आरक्षक को उसके साथ रखा था।

पूरे दिन पत्थर बनी रही, आंखों से नहीं गिरा एक भी आंसू
पुलिस जब मस्तूरी थाने में परिजन को पूछताछ के लिए ले ​गई थी, तब सख्ती करने के बजाय भावनात्मक रूप से पूछताछ की। पूरे दिन वह पत्थर बनी रही। उसकी आंखों से एक आंसू भी नहीं गिरा। परिवार के सभी लोगों ने पुलिस और थाने में होने का डर दिखा पर हसीना खामोश बैठी रही।

सास-ससुर ने पक्का मकान व जेवर दिए
करन गाेयल के माता-पिता ने अपने तीनों बच्चों के लिए चार-चार कमरे का एक जैसा मकान दिया था। इतना ही नहीं, हसीना की बहन की जब शादी हुई थी, तब आर्थिक रूप से मदद भी की थी। छोटा बेटा और बहू साथ रहते थे, इसलिए बहू के लिए थोड़े समय पहले जेवर भी खरीदे थे।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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