अस्पताल के फर्श पर डिलीवरी: HC ने जनहित याचिका मानकर की सुनवाई, हेल्थ सेक्रेटरी व कलेक्टर से मांगा जवाब
बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के सरकारी अस्पताल में फर्श पर डिलीवरी कराने के मामले को हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मान कर सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कहा कि सरकार जब दूरस्थ क्षेत्र में सुविधाओं का लाभ देने का दावा कर रहा है तो अफसर क्या कर रहे हैं। उन्होंने प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग के चीफ सेक्रेटरी, स्वास्थ्य संचालक, सरगुजा के कलेक्टर के साथ ही CMHO व सिविल सर्जन सहित अफसरों को शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। बता दें कि बीएमओ डॉ. पीएन राजवाड़े को सस्पेंड कर दिया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, अंबिकापुर के जिला मुख्यालय से लगे नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा 9 माह की गर्भवती थी। दरिमा उप स्वास्थ्य केन्द्र में 8 जून 2024 को प्रसव पीड़ा होने पर उक्त महिला मितानिन के साथ उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, लेकिन वहां न तो कोई डॉक्टर और न ही कोई नर्स मौजूद थी। परिजन व मितानिन ने कई बार डॉक्टर व नर्स को फोन लगाया पर किसी ने नहीं ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर मितानिन ने फर्श पर महिला का असुुरक्षित ढंग से प्रसव कराया।