दिग्विजय के मंत्री को भी छोड़ना पड़ा था बंगला, जब एक जिद पर अड़ गए थे शिवराज सिंह चौहान…
सबसे लंबे समय तक मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड बना चुके शिवराज सिंह चौहान फिर अग्निपरीक्षा के लिए तैयार हैं।
हालांकि, राजधानी भोपाल स्थित ‘सीएम हाउस’ में उनकी वापसी होगी या नहीं? इसे लेकर न ही भारतीय जनता पार्टी और न ही खुद चौहान ने स्थिति स्पष्ट की है।
बहरहाल, सीएम हाउस से चौहान का बंगले से जुड़ा किस्सा याद किया जाता है, जहां वह एक आवास की मांग लेकर दिग्गजों के सामने अड़ गए थे।
कौन सा था बंगला
बात साल 1998 और राजधानी भोपाल के चमचमाते लिंक रोड की है। कहा जाता है कि यहां मौजूद एक बंगला चौहान को बेहद पसंद था।
आलम ये था कि वह बंगाल आवंटित किए जाने की कोशिश में कई दिग्गजों से संपर्क साध चुके थे। वरिष्ठ पत्रकार और लेखक दीपक तिवारी की किताब ‘राजनीतिनामा मध्यप्रदेश (2003-2018) भाजपा युग’ में इस किस्से का जिक्र मिलता है।
किताब के अनुसार, ‘गौरीशंकर शेजवार जब 1998 में नेता प्रतिपक्ष बने तब वे चौहत्तर बंगले में बाबूलाल गौर के सरकारी घर के ठीक बाजू वाले आवास में रहने पहुंचे। एक तरफ गौर थे तथा दूसरी तरफ मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सबसे करीबी सहयोगी आबकारी, खनिज और जनसंपर्क मंत्री सत्यनारायण शर्मा थे।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ बना, तो सत्यनारायण शर्मा रायपुर चले गए। भोपाल में उन्हें आवंटित शासकीय बंगले को लेने कई नेता सक्रिय हो गए।’
शिवराज सिंह चौहान ने भी पेश कर दिया दावा
किताब के अनुसार, विदिशा के तत्कालीन सांसद चौहान को भी यह बंगला काफी पसंद था। तिवारी लिखते हैं, ‘वे जब-जब भी गौरीशंकर शेजवार के यहां आते उन्हें यह बंगला खाली होने पर अपने लिए अलॉट करने की बात करते। जैसे ही शर्मा ने वह बंगला खाली किया वैसे ही शिवराज सिंह ने शेजवार से कहा कि यह बंगला उन्हें ही चाहिए। इसलिए वे सीधे मुख्यमंत्री से बात करें।’
दिग्विजय किसी और को ही दे चुके थे बंगला
किताब के मुताबिक, जब तक यह बात दिग्विजय सिंह तक पहुंची, तब तक बंगला तब कैबिनेट मंत्री रहे सज्जन सिंह वर्मा को दिया जा चुका था। तिवारी लिखते हैं, ‘मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शेजवार से कहा कि वे सज्जन सिंह वर्मा से बात कर आपस में तय कर लें कि बंगला किसे दिया जाए। इसपर शेजवार ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे खुद ही बात कर उन्हें दूसरा बंगला दे दें।’
शिवराज का हुआ बंगला
अंत में बंगला शिवराज का ही हुआ। किताब के अनुसार, ‘शाम होते-होते सज्जन सिंह वर्मा का फोन शेजवार के पास आ गया कि वे बंगला छोड़ रहे हैं। इसके बाद बंगला शिवराज सिंह को आवंटित हो गया। शिवराज सिंह इस घर को बहुत ही शुभ मानते रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद 6 श्यामला हिल्स मुख्यमंत्री निवास में शिफ्ट होने के बाद भी शिवराज ने बंगला नहीं छोड़ा और लिंक रोड स्थित बी टाइप सरकारी बंगले को सीएम हाउस की एनेक्सी के तौर पर रखे रहे।’