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अदालत से नहीं मिली केजरीवाल को राहत…28 मार्च तक ED रिमांड में भेजा…जानिए दोनों पक्षों की दलीलें
नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत ने शुक्रवार को 28 मार्च तक रिमांड पर भेज दिया। ईडी के अधिकारी दोपहर करीब पौने 2 बजे केजरीवाल को अदालत लेकर पहुंचे। स्पेशल जज कावेरी बावेजा के सामने उन्हें पेश किया। ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत में अर्जी देते हुए केजरीवाल की 10 दिन की रिमांड मांगी। केजरीवाल की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी, विक्रम चौधरी और रमेश गुप्ता ने जांच एजेंसी की मांग का पुरजोर विरोध किया। दोनों पक्षों की विस्तार से दलीलें सुनने के बाद अदालत ने करीब सवा पांच बजे अपना आदेश सुरक्षित रखा, जो देर शाम सात बजे के बाद जारी हुआ।
अदालत के आदेश में क्या-क्या?
- 28 मार्च दोपहर दो बजे तक अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में पेश करना होगा।
- अरविंद केजरीवाल से जो पूछताछ की जायेगी,वो सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी और फुटेज को सुरक्षित रखा जाएगा।
- सीआरपीसी के सेक्शन 41 D के तहत CM अरविंद केजरीवाल को अपने वकील मोहम्मद इरशाद और विवेक जैन से शाम 6 बजे से लेकर 7 बजे तक मिलने की इजाजत दी गई।
- CM अरविंद केजरीवाल को हर रोज आधे घंटे उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और निजी सचिव विभव कुमार से मिलने की इजाजत दी गई।
- दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल की खराब सेहत को देखते हुए कोर्ट ने ED को आदेश दिया है कि वो डॉक्टर्स द्वारा सुझाई गई डाइट उन्हे मुहैया नही करवाते है तो उन्हे घर का खाना खाने की इजाजत है।
केजरीवाल की कथित भूमिका बताते हुए ईडी की दलीलें
- एक्सपर्ट कमिटी गठित की गई लेकिन वह दिखावटी थी। नीति इस तरह बनाई गई थी कि यह रिश्वत लेने और रिश्वत देने वाले लोगों से वसूली करने में मददगार होगी।
- सीएम के रूप में अरविंद केजरीवाल ‘मुख्य साजिशकर्ता’ थे।
- वह सीधे तौर पर नीति निर्माण में शामिल थे। वह गोवा चुनाव अभियान के साथ अपराध की आय के प्रबंधन में भी शामिल थे। केजरीवाल पार्टी के मुखिया हैं।
- वह पूरे समय उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संपर्क में थे।
- एएसजी ने सरथ रेड्डी के बयान का हवाला दिया। रिश्वत के बदले में साउथ ग्रुप के कारोबारियों को दिल्ली में शराब कारोबार का नियंत्रण मिल गया।
- अपराध की आय में न केवल 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई है, बल्कि रिश्वत देने वालों द्वारा कमाया गया मुनाफा भी शामिल है। यह 600 करोड़ रुपये से अधिक था।
- सभी विक्रेताओं ने कुछ हद तक नकद भुगतान किया।
- हवाला के जरिए 45 करोड़ रुपये चुनाव के दौरान गोवा ट्रांसफर किए गए।
- अरविंद केजरीवाल ने एहसान के बदले ‘साउथ ग्रुप’ के कुछ आरोपियों 100 करोड़ रिश्वत के तौर पर मांगे । इस बात की पुष्टि बयानों से होती है।
- मनी ट्रेल की भी जांच की है। गोवा में इस्तेमाल की गई 45 करोड़ रुपये चारा हवाला रास्तों से आता था।
- भारी मात्रा में नकदी का आदान प्रदान हुआ।
- मामले में सभी प्रमुख आरोपी नियमित तौर पर अपने संपर्क में हैं।
- आरोपों की पुष्टि गोवा में आप के एक उम्मीदवार ने भी की है। इस व्यक्ति को नकद भुगतान भी किया गया। उन्हें नकदी कहां से मिली? यह इन रिश्वतों से किया गया था।
- विजय नायर केजरीवाल के पास एक घर में रह रहे थे। वह दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे। उन्होंने साउथ ग्रुप और AAP के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई।
- ‘आप’ एक व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था है और संस्था के आचरण के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
केजरीवाल की दलीलें
- भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। ऐसा पहली बार है जब एक सरकार के चार बड़े मंत्री हिरासत में हैं।
- गिरफ्तारी का अधिकार, गिरफ्तारी की जरूरत दोनों एक समान नहीं है और केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने की जरूरत नहीं थी।
- इस मामले में अहम न्यायिक विवेक के इस्तेमाल की जरूरत है, इसमें लोकतंत्र के बड़े मुद्दे शामिल हैं।
- प्रवर्तन निदेशालय जज, जूरी, सजा की तामील करने वाला बन गया है।
- वे कहते हैं कि उनके पास मेरे खिलाफ सारी सामग्री थी.. तो फिर आपने आचार संहिता लागू होने तक इंतजार क्यों किया? क्या आप इसका इंतजार कर रहे थे? चुनाव में भाग लेने का अधिकार एक राजनेता का अधिकार है।
- ईडी को अपना “मुखौटा” हटाना चाहिए और बताना चाहिए कि वह वास्तव में किसका प्रतिनिधित्व करती है।
- ईडी बताए कि उसे मेरे पास से क्या बरामद हुआ? …कुछ भी नहीं।