INS कोच्चि से लेकर INS मोर्मुगाओ तक, अरब सागर में भारत ने तैनात किए 3 युद्धपोत; क्या तैयारी…
भारतीय नौसेना ने वाणिज्यिक जहाजों पर हमलों के मद्देनजर अपनी तैयारियां बढ़ा दी हैं।
नेवी ने इलाके में अपनी डिफेंस पावर मजबूत करने के लिए युद्धपोत INS मोर्मुगाओ, INS कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात किया है।
अधिकारियों ने बताया कि लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान P8I को भी लगाया गया है। शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर एक ड्रोन हमला किया गया था।
इसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता मुहैया कराने के लिए कई पोत तैनात किए।
नौसेना ने जहाज एमवी केम प्लूटो के मुंबई बंदरगाह पहुंचने पर उसकी शुरुआती जांच की है। नेवी की ओर से कहा गया कि शिप पर भारत के पश्चिमी तट के पास ड्रोन हमला हुआ था।
हालांकि, यह अटैक कहां से हुआ और इसके लिए कितनी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, यह फॉरेंसिक व तकनीकी जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
लाइबेरिया के ध्वज वाले व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो पर अरब सागर में ड्रोन हमले हुआ था। नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल की ओर से फिलहाल शुरुआती जांच की गई है
जहाज पर ईरान ने दागा ड्रोन, US का दावा
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा था कि एमवी केम प्लूटो ईरान की ओर से छोड़े गए ड्रोन हमले की चपेट में आया। बता दें कि यह जहाज दोपहर बाद 3:30 बजे मुंबई तट पर पहुंचा।
मुंबई के रास्ते में भारतीय तटरक्षक जहाज आईसीजीएस विक्रम ने उसे सुरक्षा प्रदान की। नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘जहाज के पहुंचने पर भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने हमले की शुरुआती जांच करने के लिए जहाज का निरीक्षण किया। हमले के क्षेत्र और जहाज पर मिले मलबे का निरीक्षण करने से संकेत मिलता है कि यह ड्रोन हमला था।’
विस्फोटक का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक जांच
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि हमले के प्रकार और इसमें इस्तेमाल विस्फोटक की मात्रा का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि विस्फोटक आयुध रोधी दल की ओर से जहाज का विश्लेषण पूरा करने के बाद विभिन्न एजेंसियों ने संयुक्त जांच शुरू की।
अधिकारी ने बताया कि यह जहाज सऊदी अरब के अल जुबैल बंदरगाह से नव मंगलूर बंदरगाह के लिए कच्चा तेल ले जा रहा था। यह पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर इस हमले का शिकार हो गया।
अरब सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर क्षेत्र में तीन निर्देशित मिसाइल विध्वंसक तैनात किए गए हैं।