छत्तीसगढ़

शासकीय क्लर्क नौकरी लगाने का झांसा देकर पैसा लिया नौकरी समाप्त करने की अनुशंसा के भय से 1 लाख रूपये देने हुआ तैयार

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बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य श्रीमती सरला कोसरिया एवं श्रीमती लक्ष्मी वर्मा द्वारा जल संसाधन प्रार्थना भवन  बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत 30 प्रकरणों पर जनसुनवाई की गई। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 293 व बिलासपुर में 17वी सुनवाई हुई।
आज सुनवाई के दौरान 01 प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक क्रमांक 01 उपस्थित थे अनावेदक क्रमांक 02 और 03 की लगातार अनुपस्थित की वजह से आयोग ने उपस्थिति हेतु पुलिस थाना जीपीएम, एसपी जीपीएम को पत्र प्रेषित करेगी। आवेदिका छोटी बच्ची के कारण अपने प्रकरण की सुनवाई जीपीएम में ही कराना चाहती है। इस वजह से प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु जीपीएम रखी जायेगी। प्रकरण में सभा कक्ष में मौजूद अधिवक्ता ने प्रकरण सुलह कराने में सहयोग किया जिससे प्रकरण नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने पिछली सुनवाई में दिये गये आदेश का 04 माह में भी पालन नहीं किया और अब कहते है कि उन्होंने पत्र उच्चधिकारियों को दे दिया है, व अब तक जवाब नहीं आया है। अनावेदक कहना है कि आवेदिका का मांग जायज है और उसे पैसा दिया जाना चाहिए। इसकी जानकारी अपने उच्चधिकारियों को दिया है, जिसकी कॉपी आयोग को प्रस्तुत कराया गया है। जिन उच्चधिकारियों को पत्र दिया गया है उनकी नाम, पता उपलब्ध कराये जाने पर पक्षकार के रूप में जोड़ा जायेगा ताकि आवेदिका को उनके बकाया राशि दिया जा सके। प्रकरण आगामी सुनवाई में पुनः रखा जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदक आवेदिका ने शिकायत किया था कि अनावेदक उसके पति ने उसे छोड़कर दूसरा विवाह कर लिया है। उपस्थित अनावेदक ने बताया कि आवेदिका ने भी दूसरा विवाह कर लिया है। चूंकि दोनो पक्षकारों ने अपने विवाह से तलाक लिए बगैर दूसरा विवाह कर लिया है। इसलिए आयोग 04 जिन्दगियों को बिगाड़ने का प्रयास बिलकुल भी नहीं करेगी। इसलिए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में पिछली सुनवाई में अनावेदकगण ने दस्तावेज लेकर आने की बात कही थी लेकिन उच्च न्यायालय के प्रकरण का कोई दस्तावेज नहीं लेकर आये थे अनावेकगण की ओर से विस्तृत जानकारी प्राप्त हुआ है कि उनके पिता स्व. रघवंश मणि तिवारी के द्वारा कलेक्टर जिला-बिलासपुर के खिलाफ उच्च न्यायालय में प्रकरण दायर किया गया है जिसमें उनके वारिसाना के हैसियत से आवेदिका भी एक हिस्सेदार बनेगी लेकिन उच्च न्यायालय के प्रकरण की याचिका नम्बर और कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। आवेदिका जिस सम्पति के बाबत् इस प्रकरण में शिकायत करती है कि उसका मकान अनावेदकणों ने तोड़ा है वही सम्पति माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है। आगामी सुनवाई में उभयपक्ष दस्तावेज लेकर रायपुर मुख्यालय में उपस्थित होंगे।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका विवाह के 01 माह के अन्दर ही अपने मायके में रह रहीं है अनावेदक के द्वारा 04 बार लाने का प्रयास किया गया किन्तु वह जाने के लिए तैयार नहीं है सुनवाई के अन्त में पता चला कि आवेदिका ने तलाक का मामला कुटुम्ब न्यायालय में लगा रखा है जिसकी सुनवाई 11 फरवरी 2025 को है चूंकि प्रकरण न्यायालय में लंबित होने की वजह से आयोग ने नस्तीबद्ध किया।
एक अन्य प्रकरण में पिछली सुनवाई फरवरी माह में आंतरिक परिवाद समिति के माध्यम से जांच करने का निर्देश दिया गया था, आवेदिका ने कहा कि जांच हुई पर अंतिम निर्णय क्या है मुझे नहीं पता, अनावेदक का कथन है कि उसकी जांच में बड़ी गलतियां की गई है पर आदेश की कॉपी उसके पास भी नहीं है। दोनो पक्षों को निर्देशित किया गया है कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत् रिपोर्ट के प्रति प्राप्त कर आयोग सूचित करें ताकि प्रकरण पर कार्यवाही की जा सके। एक अन्य प्रकरण में उभयपक्षों ने बताया कि आपस में सुलह कर एक साथ रह रह है लेकिन आवेदिका चाहती है कि उनकी निगरानी कराया जावे। अतः प्रकरण में 01 साल तक सखी वन स्टॉप सेन्टर  बिलासपुर को निगरानी करने हेतु निर्देशित करते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति के मृत्यु के बाद आपसी विवाद का निपटारा करने के लिए दोनो पक्ष सहमत हो गये है इन्हें रायपुर में अधिवक्ता के माध्यम से सम्पूर्ण समस्या का समाधान निकाला जाने पर दोनो पक्ष लिखित में इकरारनामा कर सुलह करेंगे और सभी बकाया बीमा की राशि, जमा राशि और मिलने वाले पैसे तथा आवेदिका के नौकरी पर अनावेदकण के द्वारा कोई दावा आपत्ति नहीं किया जायेगा वही आवेदिका को मिलने वाली राशि में से उसके स्वर्गीय पति के ईलाज में खर्च होने वाली राशि अनावेदकगण को देने के लिए सहमत हुई है। प्रकरण रायपुर में दिनांक 13 दिसंबर 2024 को सुलहनामा के लिए रखा गया।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदकगण ने आवेदिका को नौकरी लगवाने के नाम पर 2.10 लाख रूपये लिया था और अब तक कई बार थाना में सुलहनामा कर पैसा देने का आश्वासन करते है और पैसा वापस नहीं कर रहे है। अनावेदक कमांक 01 शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत है और शासकीय सेवा में होते हुए भी यदि लोगो को धोखा देकर पैसा वसूल रहे है तो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है। यह समझाईश मिलने पर अनावेदक ने आवेदिका के बकाया के एक लाख रूपये एकमुश्त वापस करने के लिए समय की मांग किया और आयोग के द्वारा दिनांक 13 दिसंबर 2024 की तिथि तय की गई। रायपुर में अनावेदकगण एक लाख रूपये लेकर उपस्थित होंगे और आवेदिका को प्रदान करेगें। यदि वह 13 दिसंबर 2024 की सुनवाई में अनुपस्थित रहते है तब ऐसी दशा में अनावेदक कमांक 01 की सेवा समाप्ति के लिए अनुशंसा की जायेगी।

Suraj Makkad

Editor in Chief

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